5 हजार नारियलों में विराजमान हुए ‌‘दगडूसेठ‌’ गणपति बाप्पा

13 May 2025 10:06:53
 
dsgdu
 
 
 
 
बुधवार पेठ, 12 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट और सुवर्णयुग तरुण मंडल द्वारा मंदिर में शहाले (पानी से भरे नारियल) महोत्सव का आयोजन किया गया. पुष्टिपति विनायक जयंती के अवसर पर श्रीमंत दगडूशेठ गणपति मंदिर में इस महोत्सव का आयोजन हर साल की तरह किया गया. सभी देश वासियों को वैशाख की भीषण गर्मी से बचाया जाए, सूखा, जल संकट और किसानों की समस्याओं का समाधान हो, और श्रीमंत दगडूशेठ गणपति बप्पा के समक्ष स्वस्थ भारत के लिए प्रार्थना की गई. इस शहाले उत्सव के दौरान बाप्पा को 5,000 नारियल का महानैवेद्य अर्पित किया गया. ट्रस्ट की ओर से यह भी बताया गया कि यह नारियल प्रसाद के रुप में ससून अस्पताल के मरीजों को दिया जाएगा. मंदिर में वैशाख की पूर्णिमा के दिन, सूर्योदय के समय, गणेश जन्म पूजा और ब्राह्मणस्पति सूक्त अभिषेकम किया गया. इसके साथ ही मंदिर में गणेश यज्ञ भी किया गया. मंदिर के गर्भगृह सहित सभा मंडप को नारियल के पेड़ों और ताड़ के पेड़ों से खूबसूरती से सजाया गया था. सुबह गायिका सानिया पाटणकर और उनके साथियों ने भगवान गणेश के चरणों में अपनी गायन सेवाएं अर्पित कीं. ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील रासने ने बताया कि इस अवतार का उल्लेख श्री गणेश पुराण और मुग्दल पुराण में मिलता है. भगवान गणेश विनायक अवतार में प्रकट हुए और राक्षस दुर्मति का वध किया. इसलिए वैशाख की पूर्णिमा के दिन को पुष्टिपति विनायक जयंती के रूप में मनाया जाता है.
 
वैशाख पूर्णिमा का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान
 
ऐसा माना जाता है कि श्री गणेश का यह अवतार शिव और पार्वती के घर वैशाख शुद्ध पूर्णिमा के शुभ दिन राक्षस दुर्मति को मारने के लिए उत्पन्न हुआ था. हमारे पुराणों में वर्णन मिलता है कि श्री गणेश ने अपनी लीला के विभिन्न रूपों में पाताल, पृथ्वी और स्वर्ग में अनेक अवतार लिए. उनमें से एक है पुष्टिपति विनायक अवतार. वैशाख पूर्णिमा भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती है. उत्तर भारत में इस दिन बैसाखी का त्यौहार विशेष महत्व के साथ मनाया जाता है.
Powered By Sangraha 9.0