पाकिस्तान काे मदद आतंकवाद के वित्तपाेषण से कम नहीं. यह प्रतिपादन केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया. वे गुजरात के भुज में आईएमएफ से अपील करते हुए कहा. इस माैके पर सेना के जवानाें काे संबाेधित करते हुए कहा भारत यही चाहेगा कि आईएमएफ पाकिस्तान काे अपने एक बिलियन डालर की मदद पर पुनर्विचार करे.उन्हाेंने जवानाें काे संबाेधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. ये ताे बस ट्रेलर है, समय आएगा ताे पूरी पिक्चर दुनिया काे दिखाएंगे. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार काे पहली बार गुजरात के भुज एयरफाेर्स स्टेशन पहुंचे थे. जवानाें काेसंबाेधित करते हुए उन्हाेंने कहा कि हमने वर्तमान सीजफायर में हमने पाकिस्तान काे बिहेवियर के आधार पर प्राेबेशन पर रखा है, बिहेवियर में गड़बड़ी आई ताे सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्हाेंने कहा- ब्रह्माेस मिसाइल की ताकत काे पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया, एक कहावत मशहूर है- दिन में तारे दिखना. ब्रह्माेस ने पाकिस्तान काे रात के अंधेरे में दिन का उजाला दिखा दिया.इससे पहले गुरुवार काे राजनाथ जम्मूकश्मीर के श्रीनगर एयरबेस पहुंचे थे. इस दाैरान उन्हाेंने जवानाें से मुलाकात की और उनका आभार व्यक्त किया था. रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना के साहस और शाैर्य की सराहना करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में आप सभी ने बेहद प्रभावशाली भूमिका निभाई है. अपने पराक्रम और बहादुरी से आपने आसमान की ऊंचाइयाें काे छू लिया है. न सिर्फ देश, बल्कि पूरी दुनिया आपके इस अद्भुत प्रदर्शन की तारीफ कर रही है.
उन्हाेंने आगे कहा, मैं एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, उनके नेतृत्व, उनकी टीमऔर सभी जवानाें काे दिल से धन्यवाद देता हूं्. यह काेई साधारण उपलब्धि नहीं है कि आज हमारी वायुसेना पाकिस्तान के हर काेने तक पहुंचने की क्षमता रखती है.राजनाथ ने कहा- आपके पराक्रम ने दिखा दिया है कि यह वाे सिंदूर है, जाे श्रृंगार का नहीं शाैर्य का प्रतीक है. यह वह सिंदूर है जाे साैंदर्य नहीं, संकल्प का प्रतीक है. यह सिंदूर खतरे की वह लाल लकीर है, जाे भारत ने आतंकवाद के माथे पर खींच दी है. इस लड़ाई में सरकार और सभी नागरिक एकजुट थे. भारत का हर नागरिक इसमें सिपाही की तरह भागीदार रहा. राजनाथ ने कहा- अब आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई सिर्फ सुरक्षा का मसला नहीं, बल्कि ये नेशनल डिफेंस का हिस्सा बन चुकी है. हम इसे जड़ से खत्म करेंगे. अब भारत पहले का भारत नहीं है, नए भारत का जन्म हाे चुका है.