बावधन, 18 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) एक शिक्षक न केवल शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि जीवन को दिशा देने का भी काम करता है. हम सभी के जीवन में गुरु का स्थान असाधारण है. हमें समर्पण की भावना के साथ काम करते रहना चाहिए. छात्रों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रहना चाहिए और अपने शौक पूरे करने चाहिए. वरिष्ठ बांसुरी वादक पद्मश्री पंडित रोणू मजूमदार ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बांसुरी की तरह भारतीय शास्त्रीय संगीत के अभ्यास से विद्यार्थियों का बौद्धिक विकास आसानी से हो सकता है तथा उनका सर्वांगीण विकास हो सकता है. सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पं. मजूमदार बोल रहे थे. इस कार्यक्रम के दौरान सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा पंडित रोनू मजूमदार को सूर्यदत्त सूर्यभूषण पुरस्कार प्रदान किया. गायिका आनंदी रोणू मजूमदार, शास्त्रीय गायिका सानिया पाटणकर और प्रख्यात वास्तुकार सुजाता कोडग को ‘सूर्यदत्त राष्ट्रीय महिला शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित किया गया. सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया, उपाध्यक्ष एवं सचिव सुषमा चोरडिया और एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट स्नेहल नवलखा द्वारा ये पुरस्कार प्रदान किये गए. पंडित मजूमदार ने बांसुरी बजाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. सानिया पाटणकर ने अपनी ओजस्वी आवाज में ‘हे सुरांनो चंद्र व्हा' यह नाट्यगीत और संस्कृत गणेश वंदना प्रस्तुत की. रोनू और आनंदी दंपति ने भक्ति रचना प्रस्तुत की. सानिया पाटणकर, आर्कि. सुजाता कोडग ने भी विद्यार्थियों के साथ गहन बातचीत की तथा व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम का संचालन शोभा कुलकर्णी ने किया. नरेन्द्र कुलकर्णी ने अतिथियों का परिचय कराया. कार्यक्रम का संचालन मुख्य कार्यकारी अधिकारी अक्षित कुशल एवं निदेशक प्रशांत पितलिया ने किया.
छात्रों के विकास के लिए सूर्यदत्त हमेशा
प्रयोगात्मक रंगमंच विद्यार्थियों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. नाटक, नृत्य, गायन और अभिनय जैसी कलाएं न केवल रचनात्मकता को बढ़ाती हैं, बल्कि नेतृत्व क्षमता, संचार कौशल और निर्णय लेने की क्षमता में भी सुधार करती हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्र न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में, बल्कि कला के क्षेत्र में भी प्रगति करें, सूर्यदत्ता कला के सभी क्षेत्रों से दिग्गजों और युवा कलाकारों को आमंत्रित करता है. उनके साथ संवाद आयोजित किया जाता है. सूर्यदत्त हमेशा प्रयोगात्मक रहेंगे ताकि छात्र मोबाइल और टीवी से दूर रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त करते हुए अपने शौक पूरे कर सकें और समग्र विकास प्राप्त कर सकें.
-प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया, संस्थापक अध्यक्ष, सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन