मुंबई, 19 मई (आ.प्र.)
चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मामलों पर चर्चा करते समय भ्रामक बयान नहीं दिए जाने चाहिए. इसके बजाय, एक वस्तुनिष्ठ और अनुशासित तरीके से संवाद करने की अपेक्षा, विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने इसे स्पष्ट रूप से व्यक्त की है. संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2024 के संयुक्त समिति के अध्ययन दौरे के अवसर पर 19 मई को मुंबई में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. डॉ. गोर्हे इस बैठक में बोल रही थीं. इस बैठक में चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर व्यापक एवं ठोस चर्चा हुई. डॉ. गोर्हे ने कहा, अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं तो चुनाव खर्च में बचत होगी. आचार संहिता के लागू होने से रुके हुए विकास कार्य सुचारू रूप से पूरे हो सकेंगे. इस संबंध में समिति में सकारात्मक चर्चा हुई है. महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण के संदर्भ में, विधेयक के प्रस्ताव यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होंगे कि आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन सक्षम उम्मीदवारों को अवसर मिलें. उन्होंने बताया कि समिति सदस्य डॉ. श्रीकांत शिंदे ने भी अध्ययन के साथ विचार प्रस्तुत किए.