मुंबई, 28 मई (आ. प्र.) माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने तटरक्षक बल के लिए 14 एफपीवीएस (वाई-16501) के पहले जहाज हेतु उत्पादन कार्य प्रारंभ किया. वाई-16501 का कील लेईंग समारोह, जो कि एक अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धि है, 27 मई 2025 को आयोजित किया गया. डीआईजी अतुल पारलिकर, टीएम, ओआईसीसीजीएसड ी (एमबीआई) ने आईसीजी, क्लासीफिकेशन सोसायटी (एबीएस और आईआरएस) और एमडीएल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ए. विनोद, कार्यकारी निदेशक (जहाज निर्माण-एमडीएल) की उपस्थिति में एमडीएल के रितची ड्राइ डॉक (आरडीडी) में आयोजित कील लेईंग समारोह की अध्यक्षता की. एमडीएल ने कुल चौदह (14) तीव्र गश्ती पोतों के डिजाइन, निर्माण और वितरण के लिए आईसीजी के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. इस परियोजना का मूल्य 1070.47 करोड़ रुपये है. प्रत्येक पोत में वॉटरजेट प्रोपल्शन ड्राइव की सुविधा होगी, जिसे 33 नॉट से अधिक की अनुबंधित गति को पूरा करने के लिए बनाया गया है और इसे दोहरी श्रेणी (एबीएस और आईआरएस) के तहत वर्गीकृत किया जाएगा. इन जहाजों को हाई स्पीड क्राफ्ट के रूप में डिजाइन किया जाएगा, जो वाटरजेट प्रोपल्शन, हाई-स्पीड डीजल इंजन से लैस होंगे. पोत का उपयोग तटीय जल में गश्त और मत्स्य पालन की सुरक्षा के लिए किया जाएगा. ये पोत उथले अज्ञात जल में खोज और बचाव मिशन को पूरा करने के लिए एक छोटी हाई स्पीड नाव ले जाने में सक्षम होंगे. जहाज की डिलीवरी मार्च 2026 में निर्धारित है. आज का कील लेईंग समारोह एमडीएल द्वारा जहाज के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.