गिफ्ट-डीड नोटरी से नहीं, रजिस्ट्रेशन से होती है वैध

15 Jun 2025 20:10:44

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गिफ्ट डीड गिफ्ट डीड के माध्यम से किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति बिना किसी आर्थिक लाभ के, स्वेच्छा से दी जा सकती है. लेकिन इसे लेकर अक्सर लोगों में भ्रम और अधूरी जानकारी रहती है जैसे कि क्या बिना पंजीकरण के गिफ्ट डीड मान्य होती है? क्या दादा अपने पोते को कुछ शर्तों पर संपत्ति गिफ्ट कर सकते हैं? क्या नोटरी करवाना पर्याप्त है? यहां ऐसे ही आम सवालों के स्पष्ट और कानूनी रूप से प्रमाणिक उत्तर दै. आज का आनंद के लिए प्रसिद्ध एड.बी.एस.धापटे ने दिए. प्रस्तुत हैं उनकी बातचीत के प्रमुख अंश
 
प्रश्न : गिफ्ट डीड कौन-किसे दे सकता है?
उत्तर :
गिफ्ट डीड कोई भी वयस्क और संपत्ति का वैध मालिक किसी अन्य व्यक्ति को दे सकता है चाहे वह रिश्तेदार हो या न हो. ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882 के अनुसार, गिफ्ट डीड का मतलब है कि किसी अचल या चल संपत्ति का मालिक अपनी संपत्ति का स्वामित्व बिना किसी वित्तीय लेन-देन के, स्वेच्छा से किसी को हस्तांतरित करता है. गिफ्ट प्राप्त करने वाला कोई व्यक्ति, संस्था, ट्रस्ट, कंपनी या अन्य कोई पात्र संस्था हो सकती है. शर्त यह है कि गिफ्ट देने वाला व्यक्ति 18 वर्ष से अधिक आयु का और मानसिक रूप से सक्षम हो. साथ ही, गिफ्ट स्वीकारने वाले व्यक्ति द्वारा उस गिफ्ट को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया जाना चाहिए यह स्वीकार रजिस्ट्रेशन से पहले या रजिस्ट्रेशन के दौरान किया जाना चाहिए.

प्रश्न : क्या दादा अपने पोते को कुछ शर्तों के साथ संपत्ति गिफ्ट में दे सकते हैं?
उत्तर :
हां, दादा अपने पोते को कुछ स्पष्ट शर्तों के साथ संपत्ति गिफ्ट कर सकते हैं और यह कानूनी रूप से मान्य है. इसके लिए गिफ्ट डीड को लिखित रूप में तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें शर्तें स्पष्ट और वैध भाषा में अंकित हों जैसे,पोते को पढ़ाई पूरी करने के बाद ही संपत्ति हस्तांतरित की जाएगी या दादा के जीवित रहते संपत्ति का उपयोग उन्हीं के पास रहेगा. गिफ्ट डीड का पंजीकरण आवश्यक है और इसके लिए स्टाम्प ड्यूटी भी देनी होती है. शर्तें अनैतिक या कानून विरोधी नहीं होनी चाहिए. यदि शर्तों का पालन नहीं होता, तो गिफ्ट रद्द करने का विकल्प रखना चाहिए. ऐसे मामलों में अनुभवी वकील की सलाह अवश्य लेनी चाहिए ताकि कोई कानूनी विवाद न हो.

प्रश्न : अगर गिफ्ट-डीड पंजीकृत नहीं है और केवल कागज पर लिखी है, तो क्या वह मान्य मानी जाएगी?
उत्तर :
नहीं, यदि गिफ्ट डीड पंजीकृत नहीं है, तो वह कानूनी रूप से वैध नहीं मानी जाती. ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882 और रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 के अनुसार, अचल संपत्ति को गिफ्ट करते समय उसका पंजीकरण अनिवार्य होता है. अगर गिफ्ट डीड बिना रजिस्ट्रेशन के ही बनी है, तो वह अदालत में मान्य नहीं मानी जाएगी. गिफ्ट प्राप्त करने वाला व्यक्ति संपत्ति का वैध स्वामी नहीं बन सकता.भविष्य में विवाद उत्पन्न हो सकते हैं. संपत्ति के विक्रय, उत्तराधिकार, या अन्य लेन-देन में कानूनी अड़चनें आ सकती हैं.इसलिए गिफ्ट डीड का पंजीकरण करवाना अनिवार्य है.

प्रश्न : यदि गिफ्ट डीड केवल नोटरी द्वारा प्रमाणित की गई है, तो क्या वह वैध है?
उत्तर :
नहीं, केवल नोटरी करवाना गिफ्ट डीड को वैध नहीं बनाता. ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882 और रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 के अनुसार, अचल संपत्ति की गिफ्ट डीड को अनिवार्य रूप से पंजीकृत किया जाना चाहिए. नोटरीकरण केवल दपतावेज पर हस्ताक्षर की पुष्टि करता है, न कि गिफ्ट के हस्तांतरण की.इस प्रकार की डीड के आधार पर संपत्ति की बिक्री, उत्तराधिकार या बैंक लोन नहीं लिए जा सकते, और भविष्य में कोर्ट में यह दपतावेज आमतौर पर अस्वीकार कर दिया जाता है. इसलिए संपत्ति गिफ्ट करते समय केवल नोटरी न कराएं, बल्कि विधिपूर्वक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है.

प्रश्न : अगर गिफ्ट-डीड में कुछ शर्तें रखी गई थीं और वे पूरी नहीं हुईं, तो क्या गिफ्ट-डीड रद्द किया जा सकता है?
उत्तर :
हां, ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882 की धारा 126 के अनुसार, यदि गिफ्ट डीड में स्पष्ट रूप से कुछ शर्तें लिखित रूप में रखी गई थीं और प्राप्तकर्ता ने उनका उल्लंघन किया है, तो गिफ्ट देने वाला व्यक्ति उसे रद्द कर सकता है. ध्यान रहे कि ये शर्तें केवल लिखित रूप में होनी चाहिए मौखिक शर्तें मान्य नहीं होतीं. साथ ही, शर्तों के उल्लंघन के स्पष्ट प्रमाण गिफ्ट देने वाले व्यक्ति के पास होने चाहिए. गिफ्ट डीड को रद्द करने के लिए अदालत में याचिका दाखिल करनी होती है. इस प्रक्रिया में शर्तों का उल्लंघन और गिफ्ट की शर्तों के आधार पर रद्द करने का स्पष्ट आधार होना चाहिए. तभी गिफ्ट डीड को कानूनी रूप से रद्द किया जा सकता है.  
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