मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले ने टीडीआर की रेवड़ी बांटी !

18 Jun 2025 10:37:08


rajendra



 शिवाजीनगर, 17 जून (आ.प्र.)
 
आमतौर पर एक साल में चालीस लाख वर्ग फीट के हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) दिए जाते हैं. लेकिन, सेवानिवृत्त पुणे मनपा के आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले ने अपनी सेवानिवृत्ति से पहले के सिर्फ दो महीनों में इतना टीडीआर दिया कि आयुक्त द्वारा पुणे के विकास को गति देने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है. गौरतलब है कि मनपा की विकास योजना के अनुसार मालिकों से आरक्षित भूमि लेने के लिए नकद प्रतिफल या टीडीआर दिया जाता है. चूंकि मनपा के खजाने में कोई निधि नहीं है, इसलिए प्रशासन ‌‘टीडीआर‌’ देने में लगा रहता है. ये विकास अधिकार केवल कागजों पर दिए जाने हैं. आमतौर पर ऐसा होता है कि संबंधित जमीन के मालिक इन टीडीआर को बाजार में बिल्डरों को बेचकर अपना मूल्य प्राप्त करते हैं. बिल्डर इन अधिकारों का उपयोग अतिरिक्त मंजिलें बनाने में करते हैं. आयुक्त भोसले मई के अंत में सेवानिवृत्त हुए. उन्होंने मई में 18 लाख वर्ग फीट टीडीआर को मंजूरी दी थी. जबकि अप्रैल की आमसभा के एजेंडे में 21 लाख वर्ग फीट ‌‘टीडीआर‌’ दिए जाने की घोषणा की गई है. ये सभी आंकड़े मनपा की सुधार समिति की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, साथ ही आमसभा के एजेंडे में भी हैं. ऐसी भी चर्चा है कि ‌‘टीडीआर‌’ के ‌‘बाजार भाव‌’ में वृद्धि के कारण डेवलपर्स ने अधिक ‌‘टीडीआर‌’ प्राप्त करने के लिए सचेत प्रयास किए होंगे. आंकड़े बताते हैं कि सेवानिवृत्त आयुक्त भोसले ने उन प्रयासों का समर्थन किया और 40 लाख वर्ग फीट टीडीआर को मंजूरी दी. अब आयुक्त द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम दो महीनों में पुणे के विकास को गति देने के लिए किए गए प्रयासों की जोरदार चर्चा हो रही है. सूची से पता चलता है कि कई निर्माण पेशेवर दो महीने में टीडीआर प्राप्त करने में मूल भूमि मालिकों से आगे हैं.
 
 
निर्माण व्यवसायियों में चर्चा है...
 
अतिरिक्त निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले टीडीआर को मनपा के नियमों के अनुसार वर्गीकृत किया गया है. उदाहरण के लिए, प्रत्येक प्रकार के टीडीआर का उपयोग करना अनिवार्य है, चाहे वह सड़कों के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए प्राप्त टीडीआर हो, नागरिक सुविधाओं के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए दिया जाने वाला टीडीआर हो, या झुग्गी पुनर्वास के लिए दिया जाने वाला टीडीआर हो आदि. इसके पीछे उद्देश्य शहर का संतुलित विकास सुनिश्चित करना है. पिछले कुछ दिनों से झुग्गी पुनर्वास के लिए दिए जाने वाले टीडीआर की उपलब्धता बहुत कम थी. हालांकि, निर्माण व्यवसायियों में चर्चा है कि आयुक्त ने इस कमी को कुशलतापूर्वक पूरा कर दिया है.
 
 
 आंकड़े कहते हैं..
 
आमतौर पर हर साल करीब चालीस लाख वर्ग फीट टीडीआर पुणे मनपा द्वारा दिया जाता है. लेकिन इस साल अप्रैल और मई के दो महीनों में ही मनपा आयुक्त ने अपने हस्ताक्षर से करीब चालीस लाख वर्ग फीट के टीडीआर प्रमाणपत्र जारी किए हैं. पुणे शहर में टीडीआर औसतन तीन से दस हजार रुपये प्रति फीट की दर से बिकता है. बाजार में उपलब्ध टीडीआर की औसत राशि का अनुमान लगाया जाए तो भी उच्च पदस्थ अधिकारी इसके करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपए होने की संभावना जता रहे हैं.
  
 टीडीआर प्रस्तावों की संख्या
 
30 मई में दिया गया टीडीआर.................................. 30,86,199 वर्ग फीट
अप्रैल में दिया गया टीडीआर................................ 7,07,937 वर्ग फीट
एसआरए का टीडीआर........................................11,24,411 वर्ग फीट
 कुल टीडीआर..........................................37,94,137 वर्ग फीट
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