बावधन, 1 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर एक महान प्रशासक, आदर्श और नीति आधारित शासक थीं. उनका जीवन त्याग, सेवा और जनहित का प्रतीक है. उन्होंने शासन का अर्थ जनता की सेवा इस सिद्धांत पर आधारित कार्य किया, जो पूर्णतः लोककल्याणकारी था. ऐसा मत सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक व अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने व्यक्त किया. उन्होंने यह भी कहा कि देश और समाज के हित में लगातार कार्य करते रहने की प्रेरणा हमें उनके व्यक्तित्व और कार्यों से मिलती है. सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की ओर से पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई. यह आयोजन संस्थान के बावधन कैंपस में हुआ, जिसमें सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन की उपाध्यक्ष सुषमा चोरड़िया, संस्थान के सीईओ अक्षित कुशल, अधिष्ठाता प्रा. डॉ. प्रतीक्षा वाबले, निदेशक प्रशांत पितालिया सहित विभिन्न विभागों के निदेशक, प्राचार्य, शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे. इस अवसर पर डॉ. चोरडिया और सुषमा चोरडिया ने अहिल्याबाई की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित की.
प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा कि अहिल्याबाई के कार्यकाल में गरीब, वंचित और महिलाओं के लिए कई लोककल्याणकारी योजनाएं चलाई गईं. उन्होंने किसानों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों के लिए रोजगार वृद्धि, वन उत्पाद आधारित कुटीर उद्योग, हस्तकला और जल प्रबंधन योजनाएं शुरू कीं. उन्होंने लघु सिंचाई तंत्र से खेती को प्रोत्साहन दिया और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया. उन्होंने मंदिरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व जीर्णोद्धार का कार्य भी किया. उन्होंने यह भी घोषणा की कि अहिल्याबाई के जीवन और कार्य पर अध्ययन कर श्रेष्ठ प्रस्तुति देने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाएगी.
सुषमा चोरडिया ने कहा, लगभग ढाई सौ वर्ष पहले अहिल्याबाई ने देश में महिला सुरक्षा बल की संकल्पना प्रस्तुत की थी, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था. उस समय में भी उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और उद्योग को लेकर जो विचार रखे, वे आज के समाज के लिए अत्यंत प्रेरणादायी हैं. सूर्यदत्त वूमन एम्पॉवरमेंट लीडरशिप अकादमी उन्हीं की प्रेरणा से कार्य कर रही है. प्रा. डॉ. प्रतीक्षा वाबले ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अहिल्याबाई के कार्यों से आज के समाज को नैतिक मूल्यों का मार्गदर्शन मिल सकता है और प्रबंधन के दृष्टिकोण से भी उनका कार्य आज के समय के लिए शिक्षाप्रद है. कार्यक्रम का संचालन प्रशांत पितालिया ने किया.