डॉ. विजय केलकर ने रखी भारत के आर्थिक विकास की नींव

25 Jun 2025 11:41:40
 
 
aaaa
 
 
पुणे, 24 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
जब देश में पूंजीवादी, समाजवादी और साम्यवादी आर्थिक विचारधाराओं के बीच वैचारिक संघर्ष चल रहा था, उस समय डॉ. विजय केलकर ने दूरदर्शिता दिखाते हुए जीएसटी के पुनर्गठन के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और देश के आर्थिक विकास की नींव रखी. यह बात केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने कही. गड़करी पुणे में आयोजित पुण्य भूषण समारोह में बोल रहे थे, इस बार यह पुरस्कार वरिष्ठ अर्थशास्त्री और देश के नीति-निर्माता डॉ. विजय केलकर को अर्थशास्त्र क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया. यह पुरस्कार नितिन गड़करी और पद्मविभूषण प्रा. एम.एम. शर्मा के हाथों दिया गया. इस पुरस्कार का यह 37वां वर्ष है.
 
इस अवसर पर ड्यूटी पर रहते हुए घायल हुए चार वीर जवानों और एक वीर माता को भी सम्मानित किया गया. इनमें सिपाही अनिल कुमार कच्छी, एक्स पैरा ट्रूपर के.वी. अप्पा राव, सिपाही प्रशांत वसंत कांबले, सिपाही दीपक बर्मन और शहीद कैप्टन सुशांत गोडबोले की माता वीरमाता सुवर्णा गोड़बोले शामिल थीं बालगंधर्व रंगमंदिर में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पुण्यभूषण पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष पद्मविभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने की.मंच पर पद्मश्री प्रतापराव पवार, पुण्यभूषण फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सतीश देसाई और प्रसिद्ध उद्योगपति गजेंद्र पवार भी उपस्थित थे. इस मौके पर नितिन गड़करी ने कहा, सामान्यतः प्रशासनिक व्यवस्था किसी रचनात्मक विचार को अपनाने के पहले ही उसका विरोध करने लगती है.लेकिन डॉ. केलकर ने न केवल नए विचारों का स्वागत किया, बल्कि उन्हें सही ढंग से लागू भी किया. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिली. इस अवसर पर पुरस्कार स्वीकार करते हुए डॉ. विजय केलकर ने कहा कि हमारी पीढ़ी स्वतंत्रता के द्वार पर तैयार हुई पीढ़ी है. राष्ट्र निर्माण के लिए पंडित नेहरू और महात्मा गांधी ने हममें प्रेरणा की चिंगारी प्रज्ज्वलित की. हमें गर्व है कि हम राष्ट्र निर्माण के सिपाही बन सके. मेरी परवरिश में स्कूल जीवन से लेकर कॉलेज के शिक्षकों और माता-पिता का गहरा प्रभाव रहा है. उन्होंने हमारे भीतर देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम की भावना को गहराई से रोपित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पुण्यभूषण पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष पद्मविभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय विचार व्यक्त किए. वीरमाता सुवर्णा गोडबोले ने प्रतिनिधि रूप में भावपूर्ण मनोगत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का प्रास्ताविक पुण्यभूषण फाउंडेशन के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. सतीश देसाई ने करते हुए पुरस्कार के पीछे की भूमिका को स्पष्ट किया. मंच संचालन योगेश देशपांडे ने किया तथा धन्यवाद प्रदर्शन सुरेश धर्मावत ने किया.
 
केलकर का व्यक्तित्व ‌‘सादा जीवन उच्च विचार‌’
 
इस अवसर पर पद्मविभूषण प्रा. एम.एम. शर्मा ने कहा, डॉ. विजय केलकर का व्यक्तित्व सादगीपूर्ण जीवन और उच्च विचारों का प्रतीक है. पहले बजट पेश करने से पहले वैज्ञानिकों और अर्थशास्त्रियों से चर्चा होती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया टूट गई है. कार्यक्रम में वक्ताओं ने एकमत से कहा कि डॉ. केलकर के योगदान ने भारत की आर्थिक रीति-नीति को नई दिशा दी है, जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी. इस अवसर पर पुरस्कार स्वीकार करते हुए डॉ. विजय केलकर ने कहा कि हमारी पीढ़ी स्वतंत्रता के द्वार पर तैयार हुई पीढ़ी है. राष्ट्र निर्माण के लिए पंडित नेहरू और महात्मा गांधी ने हममें प्रेरणा की चिंगारी प्रज्ज्वलित की. हमें गर्व है कि हम राष्ट्र निर्माण के सिपाही बन सके. मेरी परवरिश में स्कूल जीवन से लेकर कॉलेज के शिक्षकों और माता-पिता का गहरा प्रभाव रहा है. उन्होंने हमारे भीतर देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम की भावना को गहराई से रोपित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पुण्यभूषण पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष पद्मविभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय विचार व्यक्त किए. वीरमाता सुवर्णा गोडबोले ने प्रतिनिधि रूप में भावपूर्ण मनोगत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का प्रास्ताविक पुण्यभूषण फाउंडेशन के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. सतीश देसाई ने करते हुए पुरस्कार के पीछे की भूमिका को स्पष्ट किया. मंच संचालन योगेश देशपांडे ने किया तथा धन्यवाद प्रदर्शन सुरेश धर्मावत ने किया.
Powered By Sangraha 9.0