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रहाटणी, 27 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेेशरः, गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः इस दिव्य श्लोक के साथ पुणे में आयोजित दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शुरुआत वेिश जागृति मिशन पुणे मंडल द्वारा थोपटे बैंकेट सभागार में दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई. इस अवसर पर राष्ट्र संत परम पूज्य सुधांशुजी महाराज ने सत्संग के माध्यम से हजारों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया. इस कार्यक्रम में मंडल के प्रधान घनश्याम झंवर, संगठन सचिव रवींद्रनाथ द्विवेदी, कोषाध्यक्ष विष्णुभगवान अग्रवाल सहित पुणे शहर के विभिन्न भागों से आए अनेक श्रद्धालु और गणमान्यजन उपस्थित थे.
गुरु पूर्णिमा आत्मा की शुद्धिकरण का अवसर
पूज्य सुधांशुजी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि गुरु पूर्णिमा केवल पर्व नहीं, बल्कि आत्मा के शुद्धिकरण का अवसर है. आर्थिक प्रगति के लिए जैसे लेखा-जोखा आवश्यक है, वैसे ही आत्मिक प्रगति के लिए गुरु की शरण में जाना अनिवार्य है. सत्संग व्यक्ति के विचारों को शुद्ध करता है और जीवन को अनुशासित बनाता है. उन्होंने आगे कहा कि भगवान ने हमें मार्ग दिए हैं, पर उन पर चलने की विवेकपूर्ण समझ गुरु से ही प्राप्त होती है. महाराजश्री ने भारतीय संस्कृति में सत्संग, सेवा, और सद्गरु के चरणों में समर्पण को जीवन की सर्वो च्च उपलब्धियों में बताया. उन्होंने कहा कि जिसका संग उत्तम होता है, उसका ढंग भी उत्तम होता है.
आज शनिवार सुबह 9.30 बजे विशेष सत्संग
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मंडल के प्रधान घनश्याम झंवर ने बताया कि यह महोत्सव दो सत्रों में आयोजित किया गया है. शनिवार को प्रातः 9.30 से 12.30 बजे तक विशेष सत्संग होगा. उन्होंने सभी पुणेवासियों से अपील की है कि कि वे बड़ी संख्या में उपस्थित होकर अपने आंतरिक नवीनीकरण और आत्मिक उत्थान का भाग्य जागृत करें. उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा के इस अवसर पर पुणेवासियों को पूज्य गुरुजी के दर्शन, पूजन और आशीर्वचन प्राप्त होने का सौभाग्य मिला, जिससे वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति भाव से सराबोर हो गया.