चार्टर्ड अकाउंटेंट के शीर्ष निकाय आईसीएआई ने कहा कि अगले वित्त वर्ष से चार्टर्ड अकाउंटेंट काे व्यक्तिगत रूप से एक वित्त वर्ष में केवल 60 कर ऑडिट करने की ही अनुमति हाेगी. भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के 4 लाख से भी अधिक सदस्य हैं.आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजाेत सिंह नंदा ने कहा कि 60 कर ऑडिट की सीमा पहले से ही लागू है, लेकिन एक चार्टर्ड अकाउंटेंट काे साझेदाराें के लिए भी ऑडिट करने की अनुमति हाेती है. इसका मतलब है कि किसी ऑडिट कंपनी में चार साझेदार हैं ताे हरेक साझेदार दूसरे साझेदार के लिए भी ऑडिट कर सकता है.इस तरह वह ऑडिट कंपनी 240 ऑडिट तक कर सकती है, जबकि एक भागीदार व्यक्तिगत रूप से 60 से अधिक ऑडिट कर सकता है. नंदा ने कहा कि व्यक्तिगत साझेदार के लिए कर ऑडिट काे 60 तक सीमित करने का निर्णय लिया गया है. उन्हाेंने यहां संवाददाताओं से कहा, यह व्यवस्था एक अप्रैल, 2026 से शुरू हाेने वाले अगले वित्त वर्ष से लागू हाेने जा रही है.
इसके साथ ही आईसीएआई के किसी सदस्य द्वारा हस्ताक्षरित सभी कर ऑडिट के संबंध में कुल सीमा 60 हाे जाएगी. चाहे वह व्यक्तिगत रूप से हाे या फर्म के भागीदार के रूप में. हालांकि इस ऑडिट सीमा में कुछ छूट भी दी जाएगी.इसके अलावा, किसी कंपनी का साझेदार किसी अन्य साझेदार की तरफ से किसी भी कर ऑडिट रिपाेर्ट पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता है. ऑडिट की सीमा लगाने के पीछे गड़बड़ी पर अंकुश लगाने की मंशा हाेने से जुड़े सवाल पर नंदा ने सकारात्मक जवाब दिया.उन्हाेंने कहा, यूडीआईएन के साथ हमारा हर चीज पर नियंत्रण है. हम पूरी तरह से गड़बड़ी पर अंकुश लगाने की दिशा में काम कर रहे हैं. गलत कामाें और चार्टर्ड अकाउंटेंट के हस्ताक्षराें के फर्जी हाेने की शिकायताें के बीच आईसीएआई ने विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (यूडीआईएन) प्रणाली लागू की है. यह एक विशिष्ट संख्या हाेती है जाे किसी कार्यरत चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित या सत्यापित हरेक दस्तावेज के लिए बनाई जाती है.