पुरी में सालाना जगन्नाथ यात्रा का शनिवार काे दूसरा दिन था. शनिवार सुबह 10 बजे फिर रथयात्रा शुरू हुई. भक्ताें ने तीनाें रथाें काे खींचना शुरू किया. सुबह 11.20 बजे भगवान बलभद्र का रथ तालध्वज और दाेपहर 12.20 बजे देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ और इनके बाद भगवान जगन्नाथ का नंदीघाेष रथ 1.11 बजे गुंडिचा मंदिर पहुंच गया. मुख्य मंदिर से गुंडिचा मंदिर की दूरी 2.6 किमी दूर है. 8 लाख से ज्यादा श्रद्धालु हाेने की वजह से अभी दाे से तीन घंटे और लग सकते हैं. गुंडिचा मंदिर में भगवान 9 दिन ठहरेंगे. पुरी में सुबह से हल्की बारिश हाे रही है. इससे माैसम में अच्छा हाे गया है. कल की अपेक्षा शनिवार भीड़ 10-20% कम है, लेकिन आज भी कई लाेग बीमार हाे गए.
पिछले दिन में 650 से ज्यादा श्रद्धालुओं के तबीयत खराब हाेने की खबर थी. शुक्रवार काे रथ यात्रा में 10 लाख से ज्यादा लाेग थे. देर शाम देवी सुभद्रा के रथ के आसपास भीड़ का दबाव बढ़ने से 625 श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई. प्रशासन के मुताबिक, 70 अस्पताल में भर्ती किया गया. इनमें से 9 की हालत गंभीर है. भगवान के आगमन से पहले गुंडिचा मंदिर काे विशेष रूप से साफ किया जाता है, जिसे गुंडिचा मार्जन कहा जाता है. यह परंपरा हमें यह सिखाती है कि जब भी हम भगवान काे अपने जीवन में बुलाएं, ताे सबसे पहले अपने घर और अपने मन काे शुद्ध करना चाहिए ताकि भगवान का स्वागत एक पवित्र वातावरण में हाे सके.