सफल उद्यमिता के मार्ग में ‌‘कंफर्ट जोन‌’ सबसे खतरनाक

03 Jun 2025 11:32:05
 
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नासिक / पुणे, 2 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
सफल उद्यमी बनने के लिए धैर्य, कल्पनाशीलता, मितव्ययिता, ध्यान और अनुशासन बहुत जरूरी है. कंफर्ट जोन सबसे खतरनाक है. अत्याधुनिक तकनीक के साथ साथ अनुशासन बहुत जरूरी है, ऐसे विचार थायोकेयर के संस्थापक डॉ. ए. वेलुमणि ने व्यक्त किए. कम्यूनिटी बिल्डिंग फॉर इन्क्लूसिव इकोनॉमिक ग्रोथ एंड डेवलपमेंट सम्मेलन के समापन समारोह में वे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा इस दो दिवसीय कार्यक्रम की अध्यक्षता एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राहुल वेिशनाथ कराड ने निभाई. इस मौके पर थर्मोकोल मैन रामदास माने, नासिक स्थित वेदमुथा इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अजय वेदमुथा, टाइम्स लाइफ स्टाइल के संस्थापक व सीईओ सुमित तिवारी, निर्माण प्रोमोक कंसल्टेंसी के प्रबंध निदेशक राहुल वैद्य, वास्तु ग्रुप के चेयरमैन उदय घुगे, राष्ट्रीय सरपंच संसद के मुख्य समन्वयक योगेश पाटिल, एमआईटी डब्ल्यूपीयू के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. मिलिंद पांडे मौजूद थे.
 
डॉ. ए. वेलुमणि ने कहा, सफल होने के लिए लगन का होना बहुत जरूरी है. सफलता की इस सीढी को उठाने के लिए जोखिम उठाना बहुत जरूरी है. कोई भी काम करते समय उसमें गुणवत्तापूर्ण काम होना चाहिए. प्रगति के लिए निरंतर सीखते रहना चाहिए और उस पर चिंतन कर अभ्यास करना चाहिए. अजय वेदमुथा, रामदास माने सुमित तिवारी और राहुल वैद्य ने अपने संबोधन में कहा कि कड़ी मेहनत, लगन और समय नियोजन से सब कुछ हासिल किया जा सकता है. योगेश पाटिल ने सम्मेलन के बारे में जानकारी दी. डॉ. गौतम बापट ने आभार व्यक्त किया.
 
 परिवर्तन के लिए नए प्रयोग जरुरी
डॉ. राहुल कराड ने कहा, शिक्षा के साथ साथ हमें जीवन परिवर्तन के लिए नए प्रयोग कर युवाओं का शारीरिक और मानसिक परिवर्तन करना होगा. तकनीक के युग में युवाओं के कंधो पर सीईओ की जिम्मेदारी देने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं. इसके लिए समाज में व्यवस्था बदलनी होगी. इस सम्मेलन के तीसरे संस्करण में छात्रों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी.
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