यदि आप गर्भवती हैं ताे आपकाे भी एेंठन की शिकायत रहती है ताे इसका इलाज घर पर ही माैजूद है. नीचे कुछ चीजाें के बारे में बताया गया है, जाे आपकाे इससे निजात दिलाएंगी.महिलाओं काे अपने गर्भाशय में बच्चे काे नाै महीने रखना पड़ता है और इस दाैरान बच्चे का आकार बढ़ता रहता है. ताे बच्चे के लिए जगह बनाने के लिए महिला के पेट, कूल्हाें, कमर और जाँघाें में भी विस्तार हाेता है जिसके कारण उसका वज़न बढ़ता है जाे कि बहुत सामान्य बात है.इसके अलावा गर्भावस्था के दाैरान उसके शरीर में विभिन्न हार्माेन्स में उतार चढ़ाव हाेते हैं, जिसके कारण उसे मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन आदि का अनुभव हाेता है.कई महिलाओं काे करना पड़ता है विशेष रूप से बाद आख़िरी के तीन महीनाें में क्रैम्पस (एेंठन) गर्भावस्था के दाैरान गर्भाशय की मांसपेशियाें में खिंचाव के कारण क्रैम्पस आते हैं. यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थाें के बारे में बता रहे हैं ताे इन क्रैम्पस काे कम करते हैं.
अवाेकेडाे : इसमें ओमेगा-3 ैटी एसिड पाया जाता है जाे गर्भाशय की सूजन कम कर उसकी झिल्ली काे चिकना बनाता है जिससे क्रैम्पस कम हाेते हैं.
डार्क चाॅकलेट : यह एक स्वादिष्ट स्नैक है और क्रैम्पस के उपचार में सहायक है, क्याेंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जाे सूजनकम करते हैं.
केला : केले में पाैटेशियम हाेता है जाे गर्भाशय की सूजन कम करता है जिससे क्रैम्पस से आराम मिलता है. इस दाैरान हाेने वाली कब्ज़ से भी यह राहत दिलाता है.
ग्रीन टी : जिन गर्भवती महिलाओं काे क्रैम्पस की समस्या हाेती है उन्हें ग्रीन टी पीनी चाहिए. इसमे प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स हाेते हैं, जाे एक हद तक क्रैम्पस काे कम करने में सहायक हाेते हैं.
पालक : इसमें आयरन प्रचुर मात्रा में हाेता है. आयरन गर्भाशय की दीवार काे मज़बूती प्रदान करता है, जिससे गर्भावस्था में आने वाले क्रैम्पस कम हाे जाते हैं.
दूध : दूध पीने से गर्भवती महिलाओं काे न केवल क्रैम्पस से आराम मिलता है बल्कि इससे बच्चे की हड्डियां भी मज़बूत हाेती हैं, क्याेंकि दूध में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
अंडा : अंडे में प्राेटीन और कुछ अन्य तत्व पाए जाते हैं जाे गर्भवती महिला में गर्भाशय काे संकुचित करने वाले हार्माेन्स काे संतुलित करते हैं और इस प्रकार क्रैम्पस से आराम दिलाते हैं.