पुणे, 3 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) महाराष्ट्र को फलोत्पादन का हब बताते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अंगूर, अनार, संतरा और चीकू जैसे फलों की खेती में राज्य के किसानों ने बेहतरीन काम किया है. लेकिन किसानों की चिंता रहती है कि उन्हें रोगमुक्त पौधे (प्लांट) मिलने चाहिए. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा ‘क्लीन प्लांट’ कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसके तहत देशभर में 9 केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से 3 केंद्र महाराष्ट्र में स्थापित किए जाएंगे. इन केंद्रों से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले, रोगमुक्त पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे. चौहान पुणे एग्री हैकाथॉन के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, कृषि मंत्री एड. माणिकराव कोकाटे, फलोत्पादन मंत्री भरत गोगावले, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. 3 क्लीन प्लांट केंद्र के तहत अंगूर के लिए केंद्र पुणे में, संतरे के लिए केंद्र नागपुर में,अनार के लिए केंद्र सोलापुर में स्थापित किए जाएंगे. इन तीन केंद्रों के लिए कुल 300 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. इन केंद्रों में अत्याधुनिक नर्सरी तैयार की जाएगी और इन्हें प्रगतिशील किसानों द्वारा संचालित किया जाएगा. बड़ी नर्सरी को 3 करोड़ रुपये और छोटी नर्सरी को 1.5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इन केंद्रों के माध्यम से हर वर्ष लगभग 8 करोड़ रोगमुक्त पौधे किसानों को दिए जाएंगे. क्लीन प्लांट और फसल बीमा की मांग फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र देश के फलोत्पादन निर्यात में अग्रणी है. इसलिए केंद्र सरकार के क्लीन प्लांट इनिशिएटिव के तहत महाराष्ट्र को अधिक केंद्र दिए जाए्ं. साथ ही जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे नुकसान को देखते हुए फसलों के लिए ‘क्रॉप कवर’ योजनाएं जरूरी हैं, जिस पर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर योजना बनाएंगी. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि एग्री हैकाथॉन में नई तकनीकें और नवाचार सामने आए हैं. अब इन्हें खेत तक पहुंचाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने सुझाव दिया कि शोधकर्ताओं को किसानों से जुड़कर लगातार प्रयोग करते रहना चाहिए. पुणे के जिलाधिकारी जीतेंद्र डूडी ने पुणे में एग्री हैकाथॉन के आयोजन की पहल की थी. ? मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में ऐसे हैकथॉन आयोजित किए जाने चाहिए, क्योंकि देश के 30-32% स्टार्टअप्स कृषि से जुड़े हैं, जिनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र से हैं.