भारत ने संरक्षण हेतु अपने अधिकार का इस्तेमाल किया

04 Jun 2025 22:56:47
 
 
 
 
बात ताे चुभेगी
 
 
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पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष में ताे हम विजयी रहे ही, अब पाकिस्तान की असलियत बताने के लिए हमारे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की सात टीमें दुनिया के कुल तैंतीस देशाें में हैं. दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए अलग-अलग देशाें में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं. इस कूटनीतिक अभियान का दूरगामी असर दिख रहा है. अब तक का फीडबैक बताता है कि कूटनीतिक माेर्चे पर हमें इससे बड़ी सफलता मिली है. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के जरिये भारत दुनिया काे यह संदेश दे रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है.इन सात प्रतिनिधिमंडलाें का नेतृत्व शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा, संजय कुमार झा, सुप्रिया सुले, एकनाथ शिंदे और कनिमाेझी कर रहे हैं.
 
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में सात या आठ सदस्य हैं और उन्हें सहयाेग देने के लिए विदेश सेवा के एक अधिकारी काे रखा गया है. इसी तरह सभी प्रतिनिधिमंडलाें में एक मुस्लिम प्रतिनिधि है, चाहे वह राजनेता हाे या राजनयिक.यह सवाल पूछा जा सकता है कि आखिर इस अभियान की जरूरत क्याें पड़ी.दरअसल यह सूचना का युग है. संघर्ष के माेर्चे पर हमसे पिछड़ने के बावजूद पाकिस्तान ने दुनिया में अपनी जीत की झूठी खबर फैलायी. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चाैहान कह रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दाैरान पंद्रह फीसदी वक्त झूठी और फर्जी खबराें का जवाब देने में लगा.इसीलिए हमें यह कूटनीतिक पहल करनी पड़ी. इसके तहत हमारे नेता विश्व समुदाय पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष में ताे हम विजयी रहे ही, अब पाकिस्तान की असलियत बताने के लिए हमारे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की सात टीमें दुनिया के कुल तैंतीस देशाें में हैं.
 
दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए अलग-अलग देशाें में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं. इस कूटनीतिक अभियान का दूरगामी असर दिख रहा है. अब तक का फीडबैक बताता है कि कूटनीतिक माेर्चे पर हमें इससे बड़ी सफलता मिली है. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के जरिये भारत दुनिया काे यह संदेश दे रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है.इन सात प्रतिनिधिमंडलाें का नेतृत्व शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा, संजय कुमार झा, सुप्रिया सुले, एकनाथ शिंदे और कनिमाेझी कर रहे हैं. प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में सात या आठ सदस्य हैं और उन्हें सहयाेग देने के लिए विदेश सेवा के एक अधिकारी काे रखा गया है. इसी तरह सभी प्रतिनिधिमंडलाें में एक मुस्लिम प्रतिनिधि है, चाहे वह राजनेता हाे या राजनयिक.यह सवाल पूछा जा सकता है कि आखिर इस अभियान की जरूरत क्याें पड़ी.
 
दरअसल यह सूचना का युग है. संघर्ष के माेर्चे पर हमसे पिछड़ने के बावजूद पाकिस्तान ने दुनिया में अपनी जीत की झूठी खबर फैलायी. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चाैहान कह रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दाैरान पंद्रह फीसदी वक्त झूठी और फर्जी खबराें का जवाब देने में लगा.इसीलिए हमें यह कूटनीतिक पहल करनी पड़ी. इसके तहत हमारे नेता विश्व समुदाय और संयुक्त अरब अमीरात आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे तथा उनका देश भारत के साथ हमेशा खड़ा रहेगा.अमीरात के मंत्री से मुलाकात के दाैरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार से निपटने के लिए तथ्यात्मक सबूत पेश किये. ऐसे ही सऊदी अरब ने कहा कि वह पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के साथ खड़ा है.
 
रियाद में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने नाइफ अरब यूनिवर्सिटी फाॅर सिक्याेरिटी साइंसेज और गल्फ रिसर्च सेंटर थिंकटैंक का दाैरा किया तथा पाकिस्तान से उत्पन्न सीमापार आतंकवाद पर गंभीर चिंता व्यक्त की. कुवैत की दाे दिवसीय यात्रा के दाैरान प्रतिनिधिमंडल ने द्विपक्षीय संबंधाें काे आगे बढ़ाने और आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख की पुष्टि करने पर ध्यान केंद्रित किया.जाहिर है, खाड़ी देशाें का आतंकवाद पर भारत काे माैन या स्पष्ट समर्थन पाकिस्तान के लिए तमाचे की तरह है. ऐसे ही, इटली ने द्विपक्षीय सहयाेग की पेशकश की, ताे इंडनेशिया ने नयी दिल्ली के रुख काे अपना समर्थन दिया.
 
दक्षिण अफ्रीका ने आतंकवाद पर भारत के जीराे टाॅलरेंस की सराहना की, जबकि फ्रांस ने इस लड़ाई में नई दिल्ली के साथ अपनी एकजुटता की बात दाेहरायी.सिएरा लियाेन पहला देश था, जिसकी संसद ने पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वालाें की स्मृति में माैन रखा. भारत के कूटनीतिक अभियान की सफलता काे काेलंबिया के उदाहरण से बेहतर समझा जा सकता है. काेलंबिया ने पहले भारतीय कार्रवाई में मारे गये पाकिस्तानी आतंकवादियाें के प्रति संवेदना जतायी थी, लेकिन शशि थरूर ने जब काेलंबिया की उस टिप्पणी की निंदा की, तब उस देश ने तत्काल पाकिस्तान के बारे में अपना बयान वापस ले लिया.
 
शशि थरूर ने कहा भी कि भारत ने सिर्फ आत्मरक्षा के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल किया. उन्हाेंने यह भी कहा कि जिस तरह काेलंबिया ने कई आतंकी हमले झेले हैं, उस तरह भारत भी आतंकी हमले झेलता आया है. कुल मिला कर, विश्व समुदाय काे भारत यह समझाने में सफल रहा है कि हमें आत्मरक्षा का अधिकार है और पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई बहुत साेच-समझकर की गयी है.इसके जरिये पाकिस्तान काे सख्त संदेश देने में भारत सफल रहा है. जिन देशाें में हमारा प्रतिनिधिमंडल गया हैैं.
- अनिल त्रिगुणायत (पूर्व राजदूत)
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