ड्रग्स के खिलाफ हमारी नीति ‌‘नो टॉलरेंस' की होनी चाहिए

08 Jun 2025 15:19:34
 
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शिवाजीनगर, 7 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से नशे की लत बढ़ रही है. यह भविष्य का एक बड़ा और नया चेहराविहीन दुश्मन है. ड्रग्स और नशीले पदार्थों के प्रति नो टॉलरंस ही हमारी स्पष्ट नीति होनी चाहिए, ऐसे विचार डायरेक्टरेट जनरल ऑफ टैक्सपेयर सर्विस (चेन्नई) समीर वानखेड़े ने रखे. दर्द से हमदर्द तक ट्रस्ट और डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज एथॉरिटी, पुणे की पहल से आयोजित कार्यक्रम में वह बोल रहे थे. शिवाजीनगर स्थित जिला न्यायालय के अशोका हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में अग्रवाल समाज फेडरेशन, पुणे के संयुक्त सचिव एवं अखिल भारतीय उद्योग व्यापार सुरक्षा मंच, (महाराष्ट्र) के राज्य अध्यक्ष नितिन अग्रवाल बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे. साथ ही मंच पर एड. प्रकाश सालसिंगीकर (सचिव, डीएसएच ट्रस्ट), एड. सतीश गोर्डे (संरक्षक, डीएसएच ट्रस्ट) और एड. भाग्यश्री आलते, एडवोकेट सचिन शिंदे उपस्थित थे. कार्यक्रम में विधिक सेवा प्राधिकरण पुणे के अध्यक्ष एवं मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र महाजन, सचिव सोनल पाटिल ने मार्गदर्शन किया.कार्यक्रम का संचालन एड. खेताराम सोलंकी, एड. सोहम यादव, एड. संकेत राव, एड. महेश सोनवणे, एड. ऋषिकेश शर्मा ने किया. कार्यक्रम का संचालन अनुष्का शिंदे ने किया.इस कार्यक्रम में नशीले पदार्थों की भूलभुलैया, युवा, लत और दुष्परिणाम, मानसिक तथा कानूनी प्रभावों पर प्रकाश डाला गया. समीर वानखेड़े ने कहा कि जिस तरह कॉलेज या अन्य जगहों पर नो स्मोकिंग जोन होता है, उसी तरह नो ड्रग्स या नो- नारकोटिक्स जोन की हमारी भूमिका होनी चाहिए. यह अभियान लोगों को भी चलाना चाहिए. समाज को खुद एकजुट होकर नो-नारकोटिक्स के तौर पर इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए करीब एक घंटे के अपने मार्गदर्शन एवं व्याख्यान में समीर वानखेड़े ने एनडीपीएस एक्ट के बारे में श्रोताओं को जानकारी दी. उन्होंने इस कानून की कौन सी धाराएं महत्वपूर्ण हैं, यह बताते हुए इसकी बारीकियों को समझाया. व्याख्यान के बाद कानून के छात्रों ने सवाल पूछे. समीर वानखेड़े ने उनका खुलकर जवाब दिया. उन्होंने कानून और उसके क्रियान्वयन के बीच व्यावहारिक अंतर के बारे में जानकारी दी. कुछ केसेस, कुछ उदाहरण, कुछ अनुभव साझा करने से समीर वानखेड़े का व्याख्यान बेहद बढ़िया रहा. इससे उपस्थित लोगों को एनडीपीएस और समग्र नशा मुक्ति पर मार्गदर्शन मिला.  
 
नारकोटिक्स लॉबी को उतनी ही ताकत से जवाब देना चाहिए
ड्रग्स और नारकोटिक्स का रैकेट चलाने वाली लॉबी बहुत मजबूत है. लेकिन, हमें भी उतनी ही ताकत से इसका जवाब देना चाहिए. अगर हमारे परिचितों में से कोई ड्रग्स ले रहा है, नशा कर रहा है, तो उसे कलंक समझने के बजाय हमें स्थिति को स्वीकार करना चाहिए. हमें उसे तुरंत पुनर्वास केंद्र भेजना चाहिए. सब चलता है की मानसिकता को छोड़कर स्थिति को स्वीकार करने और मरीज का इलाज करने पर समाज को ध्यान देना चाहिए.
- समीर वानखेड़े, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ टैक्सपेयर सर्विस (चेन्नई)  
 
भविष्य में वकीलों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग जरुरी
समीर वानखेड़े द्वारा अपने विभाग में किया गया कार्य असाधारण प्रकृति का है. यह सौभाग्य की बात है कि हमें वानखेड़े जैसे व्यक्ति से इस विषय पर मार्गदर्शन मिलता है. अगला युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है. साइबर अपराध की दर बढ़ती जा रही है. इसलिए, नवोदित वकीलों को इस क्षेत्र में अधिक से अधिक अध्ययन करना चाहिए और समाज के लिए उपयोगी कार्य करना चाहिए.
- नितिन अग्रवाल, महाराष्ट्र अध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार सुरक्षा मंच  
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