पुणे, 9 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) कात्रज-कोंढवा रूट के साथ शहर में मिसिंग लिंक और 80 से 85 महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन अधिग्रहण करना जरूरी है. इसके लिए करीब 5 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है. मनपा आयुक्त नवल किशोर राम ने बताया कि कात्रज-कोंढवा मार्ग के लिए विशेष रूप से जमीन अधिग्रहण कर सड़क का काम मार्च के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. शहर में ट्रैफिक की समस्या को कम करने के उद्देश्य से मंगलवार को मनपा आयुक्त नवल किशोर राम की अध्यक्षता और कलेक्टर जीतेंद्र डूडी की उपस्थिति में पुणे मनपा के सभी अनिवार्य जमीन अधिग्रहण प्रस्तावों की समीक्षा की गई. अनिवार्य जमीन अधिग्रहण के संबंध में मनपा द्वारा भेजे गए विभिन्न विभागों के कुल 42 प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए. इनमें से 34 प्रस्ताव मुख्य रूप से सड़क विभाग से संबंधित थे और शेष 8 प्रस्ताव पीएमपीएमएल, एसटी महामंडल (एमएसआरटीसी) आदि विभागों से संबंधित थे. बैठक में प्रत्येक प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई और विस्तृत समीक्षा की गई. मनपा ने कुछ मामलों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की है और पुरस्कार के रूप में जिला कलेक्टर कार्यालय में 30 प्रतिशत राशि जमा की है. इस पर नवल किशोर राम ने इस बात पर भी समीक्षा की कि शेष राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? इसमें क्या कठिनाइयां आईं? नवल किशोर राम ने कहा कि कात्रज कोंढवा सड़क के जमीन अधिग्रहण के लिए लगभग 800 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. वर्तमान में 134 करोड़ रुपयों का फंड (निधि या कोष) है. हालांकि, इसके लिए बड़ी मात्रा में निधि की आवश्यकता होगी, लेकिन एक विशेष कानून के अनुसार जमीन अधिग्रहण कर नागरिकों को विभिन्न रूपों में मुआवजा देने का प्रयास किया जाएगा. मार्च के अंत तक इस सड़क का काम पूरा करने का लक्ष्य है. शहर में सबसे अधिक भारी ट्रैफिक वाले सातारा-मुंबई रोड और पुणे-हड़पसरसोलापुर रोड को जोड़ने वाली सड़क के लिए 3 चरणों में प्रस्तुत की गई जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया को इस साल अगस्त तक तुरंत पूरा करने का निर्देश दिया गया. इसमें से, भीमसिंह लिंक की सड़कों के जमीन अधिग्रहण के लिए संयुक्त मापन (नपाई) 15 जुलाई से 25 जुलाई, 2025 की अवधि में मिशन मोड में पूर्ण करने के निर्देश लैंड रिकॉर्ड (भू-अभिलेख) विभाग को दिये गये. सन सिटी से कर्वेनगर रोड तक बनने वाले पुल के एप्रोच रोड के भूमि अधिग्रहण के लिए तुरंत अधिसूचना जारी करने का भी निर्देश दिया गया. इसके बाद ट्रैफिक की समस्या को हल करने के लिए, सभी भूमि अधिग्रहण मामलों को फास्ट-ट्रैक तरीके से पूरा करने के लिए राजस्व, मनपा और नगर रचना विभागों के अधिकारियों का एक टास्क फोर्स बनाने का निर्देश दिया गया. इस टास्क फोर्स को सप्ताह में एक बार बैठक करने और बिना देरी के भूमि अधिग्रहण के मामलों को पूरा करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए विभागों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया. इस बैठक में अतिरिक्त मनपा आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे, सड़क विभाग के मुख्य अभियंता अनिरुद्ध पावसकर, भूमि अधिग्रहण और प्रॉपर्टी व्यवस्थापन विभाग की प्रमुख शकुंतला बारवे के साथ-साथ पुणे मनपा और राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
भूमि अधिग्रहण को प्राथमिकता दी जाएं : मनपा आयुक्त मनपा आयुक्त ने कहा कि शहर के ट्रांसपोर्टे शन सिस्टम में सुधार के लिए महत्वपूर्ण जमीन अधिग्रहण के सभी मामलों को संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर गंभीरता से लेकर जमीनों का अधिग्रहण करना चाहिए. मनपा आयुक्त ने स्पष्ट किया कि इसके लिए उचित योजना बनाकर मनपा और सरकारी अनुदान के माध्यम से पर्याप्त निधि उपलब्ध कराई जाएगी. यह पहली बार है, जब इस तरह की बैठक आयोजित की गई है.