व्यापारियों की मांग है कि डीजल की कीमतें कम की जाए

10 Jul 2025 14:36:04
 
ngn
 
शिवाजीनगर, 9 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

खनिज तेल उत्पादक देश अगस्त से उत्पादन और बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. इसलिए, उम्मीद है कि क्रूड तेल की कीमतों में कमी आएगी. इस पृष्ठभूमि में, शहर के व्यापारियों ने मांग की है कि देश में कम से कम डीजल की कीमतें कम होनी चाहिए. व्यापारियों का कहना है कि अगर सच में खनिज तेल की कीमतें कम हो रही हैं, तो सरकार को डीजल की कीमतें कम करनी चाहिए. क्योंकि डीजल का मुख्य उपयोग माल परिवहन के लिए होता है. साथ ही डीजल कुछ कारखानों और उत्पादों में उपयोगी होता है. इसलिए, अगर डीजल की कीमतें कम की जाती हैं, तो इससे परिवहन लागत कम होगी और महंगाई थोड़ी कम हो सकती है. विश्लेषक मानते हैं कि डोनाल्ड ट्रम्प के व्यापार युद्ध के कारण, वैेिशक बाजार में खनिज तेल की खपत कम होने की संभावना है. हालांकि, तेल उत्पादक देशों ने अगस्त से उत्पादन और बढ़ाने का फैसला किया है. चूंकि उन्होंने प्रतिदिन लगभग 4 लाख 11 हजार बैरल उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है, इसलिए तेल की कीमतों में गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है. अगर ऐसा होता है, तो इससे तेल आयात करने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा हो सकता है. हालांकि, अगर कीमतें बहुत अयादा गिरती हैं, तो इसका वैेिशक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. गौरतलब है कि ईरानइजराय ल संघर्ष के दौरान 77 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंची तेल की कीमतें अब घटकर 66-67 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं. तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक ने तेल उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है. इस मई, जून और जुलाई में भी तेल उत्पादन बढ़ाया गया है. अगस्त में उत्पादन बढ़ाने के फ!सले पर भी गंभीरता से बात चल रही है. अगर तेल उत्पादन बढ़ाने का फ!सला होता है, तो हर दिन 1.78 मिलियन बैरल अयादा तेल का उत्पादन होगा.
 
कीमतों में इतनी गिरावट संभव
- मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि अगर तेल उत्पादक देश तेल उत्पादन बढ़ाते हैं, तो जनवरी तक तेल की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती हैं.
- खाड़ी संकट समाप्त हो गया है. हालांकि, कई कारक इस बात पर निर्भर करते हैं कि अमेरिका कुल निर्यात शुल्कों पर क्या निर्णय लेता है.
- यदि कई देशों पर उच्च निर्यात शुल्क लगाए जाते हैं, तो आशंका है कि तेल की मांग कम हो जाएगी और तेल की कीमतें आवश्यकता से अधिक गिर जाएगी.  
 
 
परिवहन हेतु कम कीमत पर डीजल मिले : राजेंद्र गुगले

दि पूना मर्चेंट्स चेबर के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र गुगले ने कहा कि डीजल की कीमतों में कमी जशरी है. क्योंकि, जशरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए हर जगह डीजल का इस्तेमाल होता है. खासकर महाराष्ट्र में, कई तरह के अनाज दूसरे राज्यों से आते हैं. दाल, गेहूं, चावल के मामले में महाराष्ट्र उतना सक्षम नहीं है. हमें ये सामान दूसरे राज्यों से मंगवाना पड़ता है. इसलिए, हमें दूसरे राज्यों की तुलना में अनाज पर अयादा खर्च करना पड़ता है. हमारे यहां कीमतें स्वाभाविक रूप से थोड़ी बढ़ गई हैं. अगर सरकार परिवहन के लिए कम कीमत पर डीजल उपलब्ध कराती है, तो इसका असर अनाज की कीमतों में कमी के रूप में होगा. इससे निश्चित रूप से सभी आम लोगों को फायदा होगा. अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी बढ़ जाती हैं. इसी तरह, सरकार से अनुरोध है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें कम होने वाली हैं, तो सरकार कम से कम डीजल की कीमतें तो कम करे.  
 

ngn 
 
व्यापार वृद्धि के लिए डीजल का रेट कम करें : विकास मुंदड़ा

 कैट पुणे, अध्यक्ष विकास मुंदड़ा ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से आमतौर पर डीजल की कीमतों में कमी होती है, खासकर व्यापारियों के लिए. कच्चे तेल की कीमत, डीजल की लागत का एक बड़ा हिस्सा होती है, जब कच्चे तेल की कीमत कम होती है, तो डीजल की लागत भी कम हो जाती है, जिससे व्यापारियों को लाभ होता है क्योंकि वे कम कीमतों पर डीजल खरीद सकते हैं. हालांकि, डीजल की कीमतों में कमी का निर्णय केवल कच्चे तेल की कीमत पर निर्भर नहीं करता है. सरकार द्वारा लगाए गए कर, तेल कंपनियों का मार्जिन, और अन्य कारक भी कीमतों को प्रभावित करते हैं. व्यापारियों के लिए, डीजल की कीमतों में कमी का मतलब है, परिवहन लागत में कमी. डीजल का उपयोग परिवहन के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसलिए, कीमतों में कमी से माल ढुलाई की लागत कम हो जाती है. कई उद्योगों में, डीजल का उपयोग उत्पादन प्रक्रिया में किया जाता है. कीमतों में कमी से उत्पादन लागत कम होती है, जिससे मुनाफे में वृद्धि हो सकती है. कम परिवहन और उत्पादन लागत से व्यापारियों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलती है. संक्षेप में, कच्चे तेल की कीमतों में कमी का डीजल की कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जिससे व्यापारियों को लाभ होता है और उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होती है. सभी व्यापारियों को आशा है की सरकार हर समय की तरह रेट कायम न रखते हुए आगे व्यापार के वृद्धि के लिए डीजल का रेट भी कम करेंगे.
 

ngn 
 
 निर्माण लागत कम होगी : मनोज सारडा

रेडीमेड एवं हैंडलूम डीलर्स एसोसिएशन एवं पुणे जिला होजिअरी के अध्यक्ष मनोज सारडा ने कहा कि डीजल की कीमतें निश्चित रूप से कम होनी चाहिए. खाड़ी देशों से मिल रहे संकेतों के अनुसार, अगर कच्चे तेल की कीमतें सचमुच कम होती हैं, तो इसका लाभ व्यापार को भी मिलना चाहिए. अगर डीजल की कीमतें कम होती हैं, तो देश के विकास को गति मिल सकती है. स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भी बढ़ सकता है. क्योंकि, डीजल का उपयोग केवल परिवहन के लिए ही नहीं, बल्कि कुछ जगहों पर निर्माण प्रक्रिया या कुछ मशीनरी में लाइट की जगह डीजल का उपयोग किया जाता है. हमारे गारमेंट उद्योग में भी कुछ प्रक्रियाएं इसी डीजल से चलती हैं. अगर डीजल की कीमतें कम होती हैं, तो मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाएं सस्ती हो जाएंगी, निर्माण लागत कम हो जाएगी. तो अंततः उपभोक्ताओं को भी लाभ हो सकता है.
 
 
ngn
 
 
 
 
 
 
 
Powered By Sangraha 9.0