बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर गुरुवार काे बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में आराेप तय किए. हसीना के अलावा देश के पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व आईजीपी चाैधरी अब्दुल्लाह अल मामून काे सह-आराेपी बनाया गया है. मुकदमे की सुनवाई 3 अगस्त से शुरू हाेगी. एक रिपाेर्ट के अनुसार, मामून ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है, और मामले में सरकारी गवाह बनने के लिए याचिका दायर की है. मामून फिलहाल जेल में हैं, ये मुकदमा बाकी दाे आराेपियाें की गैर माैजूदगी में चलेगा. आईटीसी में हसीना के खिलाफ अब तक 5 मामले दर्ज किए हैं.
इसमें 1400 लाेगाें की हत्या, भीड़ काे उकसाना और सरकारी ताकताें का गलत इस्तेमाल शामिल हैं. अगस्त, 2024 में तख्तापलट के बाद से हसीना भारत में रह रहीं हैं. क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने 6 जनवरी, 2025 काे 11 और लाेगाें के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. बांग्लादेश में 5 जून, 2024 काे बांग्लादेश हाईकाेर्ट ने जाॅब में 30% काेटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्राेटेस्ट कर रहे थे. यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियाें के परिवाराें काे दिया जा रहा था. हालांकि, हसीना सरकार ने यह आरक्षण बाद में खत्म कर दिया था. नाराज छात्राें ने हसीना के इस्तीफे की मांग काे लेकर विराेध प्रदर्शन तेज कर दिए थे.