मराठी व्यक्ति काे घर देने से मना किया ताे बिल्डर के खिलाफ कार्रवाइ

11 Jul 2025 14:02:32
 
 

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मुंबई में मराठी लाेगाें काे भाषा और मांसाहार के आधार पर घर देने से इन्कार करने के कई मामले सामने आए हैं. मराठी लाेगाें काे बिल्डराें द्वारा परेशान हाेने से बचाने के लिए, मुंबई में नए भवनाें में घराें की बिक्री शुरू हाेने के एक साल बाद तक 50 प्रतिशत घर मराठी लाेगाें के लिए आरक्षित किए जाने चाहिए.‘पारले पंचम’ नामक एक सामाजिक संगठन की मांग का हवाला देते हुए, जिसमें मांग की गई थी कि अगर ये घर एक साल बाद भी नहीं बिकते हैं, ताे डेवलपर्स काे इन्हें किसी काे भी बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए, शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के विधायक मिलिंद नार्वे कर ने ऐसा कानून बनाने की मांग की.इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, मंत्री शंभूराज देसाई ने घाेषणा की कि अगर मराठी लाेगाें काे मुंबई में घर देने से इन्कार किया गया, ताे बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
 
आवास विभाग काे पंचम संगठन से काेई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. हालांकि, जैसा कि विधायकाें ने कहा, अगर मराठी लाेगाें काे मुंबई में घर देने से इन्कार किया जा रहा है, ताे उन्हाेंने घाेषणा की कि संबंधित बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मुंबई, मुंबई उपनगराें और महाराष्ट्र में मराठी लाेगाें काे घर देने से इन्कार करने का किसी काे भी अधिकार नहीं है. अगर किसी काे घर न दिए जाने की शिकायत मिलती है, ताे महायुति सरकार उसके ख़िलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.इस अवसर पर बाेलते हुए शंभूराज देसाई ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र और मुंबई पर पहला हक़ मराठी लाेगाें का है. मुंबई मराठी लाेगाें की है. राज्य में मराठी लाेगाें के अधिकाराें की अनदेखी नहीं की जाएगी.महायुति सरकार उनके अधिकाराें की रक्षा के लिए काम करेगी.
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