जन सुरक्षा विधेयक विराेध- प्रदर्शन का अधिकार नहीं छीनता

12 Jul 2025 10:58:57
 

CM 
 
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार काे एक बार फिर स्पष्ट किया कि बहुचर्चित महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक के ज़रिए केवल नक्सली और माओवादी आंदाेलन से जुड़े संगठनाें के ख़िलाफ ही कार्रवाई की जाएगी. प्रस्तावित विधेयक किसी भी लाेकतांत्रिक प्रक्रिया के ख़िलाफ नहीं है.यह किसी के विराेध प्रदर्शन के अधिकार काे नहीं छीनता. उन्हाेंने कहा कि यह विधेयक केवल नक्सली और माओवादी आंदाेलन से जुड़े अग्रणी संगठनाें पर प्रतिबंध लगाने के लिए लाया गया है.महाराष्ट्र विधानसभा ने गुरुवार काे महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक काे अपनी मंज़ूरी दे दी. विधेयक काे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. विधानसभा परिसर में पत्रकाराें से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधेयक पारित हाेने के बाद संताेष व्यक्त किया. उन्हाेंने कहा, मुझे बहुत खुशी है कि कल विधानसभा में जन सुरक्षविधेयक पारित हाे गया.
 
गुरुवार की चर्चा में इस विधेयक काे लेकर जाे भी शंकाएं उठी थीं, मैंने उनका समाधान कर दिया है. इस समय महाराष्ट्र में 6 ऐसे संगठन हैं जाे अन्य राज्याें में प्रतिबंधित हैं, लेकिन यहां सक्रिय हैंं. इसके अलावा, महाराष्ट्र में कुल 64 ऐसे संगठन माैजूद हैं, यह भी मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्पष्ट किया. इसमें विपक्षी दलाें के सभी प्रमुख नेता शामिल थे. इस समिति की लगातार बैठकें हुईं. इस मामले में जाे कुछ संशाेधन किए गए थे, उन्हें शामिल कर लिया गया.इस विधेयक पर 12 हज़ार अलगअलग लाेगाें ने कुछ सुझाव दिए थे. उन्हें शामिल किया गया. उसके बाद, संयुक्त प्रवर समिति ने अपनी रिपाेर्ट पेश की. हमने सदन में उसी के आधार पर विधेयक पेश किया था. इस विधेयक पर चर्चा के दाैरान, मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह विधेयक किसी भी लाेकतांत्रिक प्रक्रिया के विरुद्ध नहीं है. यह किसी के विराेध प्रदर्शन के अधिकार काे नहीं छीनता. यह विधेयक किसी भी लाेकतांत्रिक संस्था या संगठन पर हमला नहीं है. यह विधेयक नक्सली और माओवादी आंदाेलन से जुड़े अग्रणी संगठनाें पर प्रतिबंध लगाने के लिए लाया गया है.
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