दिल्ली हाईकाेर्ट ने 1984 के भ्रष्टाचार मामले में 90 वर्षीय सुरेंद्र कुमार काे बड़ी राहत दी है. काेर्ट ने सजा घटाकर एक दिन कर दी. यह एक दिन की सजा उन्हाेंने ट्रायल काेर्ट के फैसले के बाद काटी थी. अदालत ने कहा कि 40 साल तक चली अनिश्चितता अपने आप में एक महत्वपूर्ण राहतकारी कारक है.न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने डैमाेकल्स की तलवार (ग्रीक कथाओं का एक हिस्सा) के रूपक का उपयाेग करते हुए कहा कि इतने लंबे समय तक अनिश्चितता में जीना अपने आप में सजा है. न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि सजा पर विचार करते समय एक महत्वपूर्ण कारक अपीलकर्ता की 90 वर्ष की आयु है.इतनी आयु में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहव्यक्ति काे जेल की सजा शारीरिक और मानसिक रूप से गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है.काेर्ट ने 8 जुलाई काे फैसला सुनाते हुए कहा कि यह मामला सजा की मात्रा काे कम करने के लिए उपयुक्त है.इसलिए अपीलकर्ता की सजा काे उनके द्वारा पहले ही काटी गई अवधि तक कम किया जाता है. हालांकि उन्हें अपना शेष जीवन भी भ्रष्टाचार के दाेष के साथ ही बिताना हाेगा.अदालत में उन्हें दाेषी रहने पर काेई राहत नहीं दी है.