पासपोर्ट कार्यालय द्वारा अब ई-पासपोर्ट की सुविधा

14 Jul 2025 11:19:26
 
arjun
 
 
 
पुणे, 13 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

पासपोर्ट आवेदकों को बेहतर एवं त्वरित सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से विदेश मंत्रालय द्वारा लगभग एक दशक पहले, पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 1.0 शुरू किया गया था. इस कार्यक्रम के तहत, विदेश मंत्रालय द्वारा पासपोर्ट आवेदकों को अब तक प्रतिवर्ष करोड़ों नियमित (अर्थात बिना चिप वाले) पासपोर्ट जारी किए जाते रहे हैं. हाल में, विदेश मंत्रालय द्वारा इसके उन्नत संस्करण अर्थात पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0 संस्करण की शुरुआत की गयी है. इसी क्रम में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, पुणे ने अब ई-पासपोर्ट जारी करना शुरू कर दिया है. आज का आनंद से बात करते हुए क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी डॉ. अर्जुन देवरे ने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम के नवीन संस्करण एवं ई-पासपोर्ट की विशेषताओं के बारे में बताया कि, भारतीय नागरिकों को पासपोर्ट सेवाएं प्रदान करने में वृद्धि तथा उसमें सुधार लाने के उद्देश्य से विदेश मंत्रालय ने 2010 में पासपोर्ट सेवा परियोजना (पीएसपी) की शुरुआत की थी.

पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) संस्करण 2.0 एक ई-गवर्नेंस उपकरण है जो पीएसपी-1.0 का परवर्ती और उन्नत रूप है और जिससे नागरिकों को प्रदान की जाने वाली पासपोर्ट संबंधी सेवाओं में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है. पीएसपी-2.0 के प्रमुख तत्व हैं कि, अत्याधुनिक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना, विभिन्न हितधारकों और डेटाबेस के बीच प्रक्रिया का पुनर्गठन और एकीकरण, नागरिक इंटरफेस में सुधार, प्रौद्योगिकी का उन्नयन, सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना और डेटा सुरक्षा को मजबूत करना है. यह भी जानकारी डॉ.अर्जुन देवरे ने दी. डॉ. अर्जुन देवरे ने कहां की ई- पासपोर्ट कागज और इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट का मिलाजुला रूप है, जिसमें एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन चिप और एंटीना जुडा हुआ होता है.


 ई-पासपोर्ट का मुख्य लाभ यह है कि इसमें आंकड़ों की अखंडता बनाए रखने की बेहतर क्षमता होती है. क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, पुणे में पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम के साथ ई-पासपोर्ट का शुभारंभ मई में हुआ. आरपीओ पुणे पासपोर्ट सेवा परियोजना (पीएसपी) के माध्यम से तेज, पारदर्शी, सुलभ, नागरिक-अनुकूल और सुविधाजनक पासपोर्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. डॉ. अर्जुन देवरे ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि ई-पासपोर्ट जारी होना प्रारंभ होने के बाद भी मौजूदा नियमित (अर्थात बिना चिप वाले) पासपोर्ट वैध रहेंगे और धारक, पासपोर्ट की वैधता और 1967 के पासपोर्ट अधिनियम द्वारा शासित अन्य पहलुओं के अधीन, यात्रा के लिए इनका उपयोग जारी रख सकते हैं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि नियमित और वैध पासपोर्ट धारक, जब तक आवश्यक न हो, फिर से पासपोर्ट जारी करने के लिए आवेदन न करें.

ई-पासपोर्ट से ग्राहक संतुष्टि में वृद्धि होगी

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के हिस्से के रूप में एक उच्च प्रभाव नागरिक केंद्रित ई-गवर्नेंस पहल है. ई-पासपोर्ट स्वचालित पहचान सत्यापन प्रक्रियाओं को सक्षम करके और आव्रजन अधिकारियों के साथ उनके इंटरफेस को आसान बनाकर भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा को आसान बना देगा. ई-पासपोर्ट से ग्राहक संतुष्टि में वृद्धि होगी तथा पीएसपी 2.0 के तहत सुरक्षा बढ़ेगी एवं बेहतर नागरिक अनुभव प्राप्त होगा.
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