मुंबई, 14 जुलाई (आ.प्र.) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष शरद पवार और अजित दादा पवार के बीच मुकाबला अब राजनीति के अखाड़े से उतरकर कबड्डी के मैदान में आ गया है. मुंबई में खेल पत्रकार विनायक दलवी द्वारा लिखित पुस्तक कबड्डीतील किमयागार के दूसरे संस्करण के विमोचन समारोह के दौरान शरद पवार ने स्पष्ट संकेत दिया कि वे कबड्डी में वापसी कर रहे हैं. इस विमोचन समारोह में महाराष्ट्र के कई अर्जुन पुरस्कार विजेता और शिव छत्रपति पुरस्कार विजेता मौजूद थे. सभी ने उन्हें महाराष्ट्र में कबड्डी की अराजकता के बारे में विस्तार से जानकारी दी. पुस्तक का विमोचन करते हुए शरद पवार ने कहा -एक समय महाराष्ट्र और मुंबई की कबड्डी पूरे देश में प्रसिद्ध थी लेकिन आज स्थिति चिंताजनक हैं, दुर्भाग्य से राज्य संगठन रास्ता भटक गया है. इसलिए मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि इस पर सक्रियता से ध्यान देने का समय आ गया है. अर्जुन पुरस्कार विजेता सदानंद शेट्टी, शांताराम जाधव, राजू भावसार, अशोक शिंदे माया आकरे, राष्ट्रीय खिलाड़ी और शिव छत्रपति पुरस्कार विजेता चित्रन नाबर, शैला रायकर, ग्रेटा डिसूजा, सुनील जाधव जेम्स परेरा, विजया शेलार, सागर बांदेकर और अन्य पूर्व राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ियों की ओर ध्यान देते हुए अपनी बात रखी. कार्यक्रम में संपादक रहे पूर्व सांसद कुमार केतकर, ग्रैंडमास्टर प्रवीण ठिप्से, उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभय ठिप्से, बीसीसीआई के पूर्व सीईओ रत्नाकर शेट्टी और बॉडी बिल्डर विक्की गोरक्ष भी मौजूद थे. किताब लेखक विनायक दलवी ने ओशासन दिया कि अगले संस्करण में कुछ और बेहतरीन खिलाड़ियों को शामिल करके संदर्भ पुस्तक को और समृद्ध बनाया जाएगा. आत्माराम मोरे प्रतिष्ठान के अध्यक्ष अेिशनी कुमार मोरे ने इस अवसर पर कहा कि उन्होंने कबड्डी और स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने की अपने पिता की परंपरा को एक अलग अंदाज में जारी रखा है.