पाकिस्तान की हालत खस्ता है. उस पर 7600 अरब रुपयाें के कर्ज का बाेझ है. वार्षिक बजट का 50 % हिस्सा कर्ज चुकाने में ही जा रहा है. इस वित्त वर्ष के दाैरान पाकिस्तान काे 23 अरब डाॅलर से अधिक का विदेशी कर्ज चुकाना पड़ेगा. आज पाकिस्तान के हालात इतने खराब हाे चुके हैं कि काेई भी देश उसे कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है.पाकिस्तान इस समय कर्ज के दलदल में फंसा हुआ है. मीडिया रिपाेर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दाैरान पाकिस्तान काे 23 अरब अमेरिकी डाॅलर से अधिक का विदेशी कर्ज चुकाना हाेगा. मार्च 2025 तक पाकिस्तान का कुल कर्ज 76.01 ट्रिलियन रुपये था, जिसमें 51.52 ट्रिलियन रुपये का घरेलू कर्ज और 24.49 ट्रिलियन रुपये का बाहरी कर्ज है.
बाहरी कर्ज की बात करें ताे इसमें वाे कर्ज शामिल हैं जिसे पाकिस्तान ने या ताे आईएमएफ से लिया है या फिर किसी अन्य देशाें से लिया है. इस साल पाकिस्तान के 23 अरब डाॅलर के कर्ज भुगतान में से 12 अरब डाॅलर की अस्थायी जमा राशि शामिल है. जिसे पाकिस्तान ने सऊदी अरब (5अरब), चीन 4अरब), यूएई (2अरब) और कतर (1अरब) जैसे मुस्लिम देशाें से लिया है.मुस्लिम देश पाकिस्तान काे थाेड़ी राहत दे सकते हैं.यानी इन देशाें से कर्ज काे आगे बढ़ाने (राेलओवर) की उम्मीद है. लेकिन पाकिस्तान काे विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, इस्लामिक विकास बैंक और अन्य से लिए गए 2.8 अरब डाॅलर, बांडाें के 1.7 अरब डाॅलर, काॅमर्शियल लाेन के 2.3 अरब डाॅलर और द्विपक्षीय कर्ज के 1.8 अरब डाॅलर जैसे 11 अरब डाॅलर चुकाने हाेंगे. इसमें शायद उसे रियायत न मिले.