मुंबई उपनगर में मालाड स्थित इस अस्पताल की सर्वाधिक अनुभवी पितापुत्री की जोड़ी -डॉ. श्याम अग्रवाल और डॉ. आरती अग्रवाल-बहुवा नेत्र चिकित्सा के लिए शहर में सर्वाधिक चर्चित डेस्टिनेशन तो है ही लेकिन अब हॉस्पिटल में मौजूद शहर की सबसे अनूठी मशीनों और उपकरणों की वजह से पूरे मेडिकल जगत का ध्यान आकर्षित करती है. डॉक्टर्स डे के अवसर पर 44 वर्षों से सक्रिय अग्रवाल आई हॉस्पिटल के प्रणेता पिता-पुत्री ने ‘आज का आनंद' से विशेष मुलाकात में अस्पताल, सर्जरी, नई खोज, मॉर्डन तकनीक और सामाजिक दायित्व पर विस्तृत चर्चा की. अस्पताल के संजीवनी लैसिक सेंटर ने लैसिक दृष्टि सुधार प्रक्रियाओं की सबसे वेिशसनीय और लोकप्रिय विधा में अग्रणी स्थान बना लिया है. यहां कॉन्टूरा लैसिक के लिए श्विंड अमरिस 750S और ब्लेडलेस प्रक्रियाओं के लिए FS 200 फेम्टोसेकंड लेजर जैसी वेिश स्तरीय मशीनों/ सुविधाओं का हर कोई लोहा मानता है. डॉ. श्याम अग्रवाल ने इसे विस्तार देते हुए कहा कि -हमारी सबसे अत्याधुनिक वेिशस्तरीय मशीनें तीन प्रक्रियाओं से कॉर्निया को फिर से आकार देकर आंखों की रोशनी को खत्म करती ह्ैं. चुनाव आपकी व्यक्तिगत आंख की संरचना और स्थिति पर निर्भर करता है. एक संपूर्ण स्कैन और परामर्श ही डॉक्टर को यह तय करने में मदद करता है कि आपके लिए कौन सा उपचार सबसे उपयुक्त है. डॉ. आरती ने कहा कि -ट्रांसपीआरके/ नो टच लैसिक में पतले कॉर्निया या सक्रिय जीवनशैली वाले लोगों के लिए आदर्श फ्लैपलेस तकनीक, लेजर बिना किसी मैन्युअल स्पर्श के सीधे आँख की सतह को फिर से आकार देता है, जो एक सुरक्षित और त्वरित रिकवरी विकल्प प्रदान करता है. जबकि लेंटिक्यूल-आधारित प्रक्रियाएं (स्माइल और सिल्क) फ्लैपलेस विधियां हैं जो एक छोटे चीरे के माध्यम से कॉर्निया से एक पतली परत (लेन्टिक्यूल) को हटाती हैं, जिससे बेहतर कॉर्निया की ताकत और स्थिरता बनी रहती है. उन्होंने बताया कि -लेजर विजन करेक्शन के विभिन्न प्रकार हैं जिसमें फेमटोसेकंड कॉन्टूरा लैसिक उन्नत संस्करण फ्लैप बनाने के लिए ब्लेडलेस फेमटोसेकंड लेजर का उपयोग करता है और प्रत्येक आंख के लिए अद्वितीय सटीक, व्यक्तिगत ग्राफ का उपयोग करके कॉर्निया को फिर से आकार देता है. यह तेज उपचार के साथ तेज, उच्च-परिभाषा दृष्टि प्रदान करता है. आम धारणा के विपरीत लैसिक काफी किफायती है, दोनों आंखों के लिए 40,000 से लेकर 90,000 तक (इस्तेमाल किए जाने वाले लेजर के प्रकार पर निर्भर) का खर्च बैठता है. पिता-पुत्री दोनों ही उच्च प्रशिक्षित नेत्र रोग विशेषज्ञ और लैसिक सर्जरी के सुपर एक्सपर्ट और दशकों का अनुभव रखते ह्ैं. इसका गवाह है पिछले 20 वर्षों से लगातार लैसिक सर्जरी का 100% सफल परिणाम. डॉ. आरती ने लैसिक की सुरक्षा के बारे में बताया कहा कि एक ऐसी आजमाई और पूर्ण परखी प्रक्रिया है लेकिन इसके 100% रिजल्ट के लिए उतने ही अनुभवी हाथ भी चाहिए. सर्जरी में हर आँख में सिर्फ 3-4 मिनट लगते हैं और कम से कम समय में चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से पूरी तरह मुक्ति मिल जाती है. लैसिक की अत्याधुनिक मशीन लेकर आयी क्रांति बिना चश्मे के साफ देख सकेंगे दुनिया संपर्क : अग्रवाल आई हॉस्पिटल और संजीवनी लेसिक सेंटर, महाराजा अपार्टमेंट, एसवी रोड, मालाड फोन : 7400031050, 7400031060, 7700099842 और संजीवनी आई हॉस्पिटल,वृंदावन बिल्डिंग, मैक्सस मॉल के सामने,भायंदर. फोन : 9920789789, 9004672732