साइबर ठगाें ने एक साल में 23 हजार कराेड़ रुपए ठगे

02 Jul 2025 16:45:11
 

cyber 
 
साइबर ठगाें ने एक साल में 23 हजार कराेड़ रुपए ठगे. इस मामले में अब तक 19 लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई हैं.यह दावा इंडियन साइबर क्राइम काॅर्डिनेशन की रिपाेर्ट में किया गया है. बता दें कि हर साल साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं. राज्य व केंद्र सरकार के तमाम दावाें के बावजूद साइबर ठगी पर नियंत्रण नहीं है. भारत दुनिया के सबसे ज्यादा साइबर क्राइम का शिकार हाेने वाले देशाें में शामिल है. साइबर क्राइम के कई मामले हमें हर राेज देखने काे मिलते हैं. स्कैमर्स लाेगाें काे अपने जाल में फंसाने के लिए नएनए तरीकाें का इस्तेमाल करते हैं. अगर आंकड़ाें की बात करें, ताे साल 2024 में 23 हजार कराेड़ रुपये की ठगी लाेगाें से साइबर अपराधियाें ने की है. ये वाे आंकड़ा है, जिसे लाेगाें ने रिपाेर्ट किया है.
 
इंडियन साइबर क्राइम काॅर्डिनेशन सेंटर 14 सी के मुताबिक, साल 2024 में एनसीआरपी पर 19.18 लाख शिकायतें आई हैं. ये शिकायतें साइबर क्राइम से जुड़ी हुई हैं, जिसमें लाेगाें ने 22,811.95 कराेड़ रुपये गंवा दिए हैं. इन आंकड़ाें के साथ भारत दुनिया के सबसे ज्यादा साइबरक्राइम का शिकार हाेने वाले देशाें में शामिल हाे जाता है. भारत में सालदर-साल साइबर क्राइम का आंकड़ा बढ़ रहा है.एक रिपाेर्ट के मुताबिक, भारत में मैलवेयर अटैक्स में 11 फीसदी, रैंसमवेयर में 22 परसेंट, अटैक्स में 59 परसेंट और क्रप्टाे हमलाें में कुल मिलाकर 409 परसेंट की चाैंका देने वाली बढ़ाेतरी हुई है.
 
साल 2023 में साइबर क्राइम की 15.56 लाख शिकायतें दर्ज हुई थीं, जाे साल 2024 में बढ़कर 19.18 लाख हाे गई हैं. इनमें से ज्यादा पैसाें से जुड़े हुए फ्राॅड्स हैं. साल 2023 में भारतीयाें ने 7496 कराेड़ रुपये साइबर क्राइम में गंवाए थे, जबकि साल 2022 में लाेगाें ने 2306 कराेड़ रुपये गंवाए थे. साल 2024 में ये आंकड़ा 2023 के मुकाबले तीन गुना और 2022 के मुकाबल10 गुना बढ़ गया है.पिछले चाल सालाें में लाेगाें ने लगभग 33,165 कराेड़ रुपये साइबर फ्राॅड में गंवा दिए हैं. रिपाेर्ट की मानें, ताे साल 2024 में हुए फिशिंग हमलाें में 82.6 फीसदी एआई जनरेटेड हैं. यहां फर्जी पुलिस बनने से लेकर डिजिटल अरेस्ट तक, तमाम तरीकाें का इस्तेमाल लाेगाें काे अपने जाल में फंसाने के लिए साइबर अपराधी कर रहे हैं. इस तरह के अपराधाें का शिकार काेई शख्स हाे सकता ह
Powered By Sangraha 9.0