शिवाजीनगर, 1 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
भारत-पाकिस्तान संघर्ष और खाड़ी देशों में युद्ध जैसे हालात के कारण अप्रैल-जून तिमाही में मकान बिक्री धीमी पड़ गई है. दिल्ली, मुंबई और पुणे समेत सात महानगरों में मकान बिक्री पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी घटकर 96,285 रह गई है. जबकि, जनवरी से मार्च 2025 के तीन महीनों के मुकाबले इन मकान बिक्री में तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अप्रैल से जून 2024 के मुकाबले मुंबई और पुणे में मकान बिक्री में 25 से 27 फीसदी की कमी आई है. एनारॉक की ताजा रिपोर्ट में यह आंकड़ा सामने आया है. अप्रैल से जून 2024 की अवधि में मुंबई में 41,540 घर बेचे गए. इस साल (वर्ष 2025) इसी अवधि में घरों की बिक्री 25 प्रतिशत घटकर 31,275 रह गई है रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में देश में 93,280 घर बेचे गए. जून में समाप्त तिमाही में यह बढ़कर 96,285 हो गया. हालांकि, अप्रैल से जून 2024 के बीच 1 लाख 20 हजार घर बेचे गए इसकी तुलना में इस साल घरों की बिक्री में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है. हालांकि मुंबई और पुणे में बिक्री में कमी आई है, लेकिन इन दोनों शहरों में कुल घरों की बिक्री का 48 प्रतिशत हिस्सा है. अप्रैल से मई के बीच मुंबई और पुणे में क्रमशः 31,275 और 15,410 घर बेचे गए हैं. जनवरी से मार्च 2025 की तुलना में अप्रैल से जून की अवधि के दौरान अकेले चेन्नई में घरों की बिक्री 4,500 से बढ़कर 5,560 हो गई. जबकि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान 5,100 घर बेचे गए. पुणे में बिना बिके फ्लैटों की संख्या हुई कम अप्रैल से जनवरी 2025 की तिमाही में सात महानगरों में बिना बिके फ्लैटों की संख्या थोड़ी बढ़कर 5.62 लाख हो गई है. जनवरी से मार्च 2025 की अवधि में बिना बिके फ्लैटों की संख्या 5.60 लाख थी. देश के सात महानगरों में पुणे में मकानों के स्टॉक ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है. अप्रैल से जून 2024 की दूसरी तिमाही में पुणे में के फ्लैटों की संख्या 94,770 थी. यह 15 फीसदी घटकर 80,240 हो गई है. पुणे में आकर्षक वातावरण निर्माण पेशेवरों का कहना है कि पुणे में आकर्षक वातावरण, नौकरी के अवसर और मनोरंजन के विकल्पों के साथ-साथ सुरक्षित और अच्छी गुणवत्ता वाले जीवन को देखते हुए प्रवासी आबादी की ओर से बहुत अयादा मांग देखी गई है. महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों में भी इसी तरह के रुझान देखे गए हैं, जिसका श्रेय पूरे महाराष्ट्र में बढ़ते बुनियादी ढांचे, तेज कनेक्टिविटी और टियर 2 और 3 शहरों में नए अवसरों को जाता है.
नहीं लगता कि बिक्री में इतनी गिरावट है
इस रिपोर्ट से ऐसा लगता है कि यह विलेषण मोटे तौर पर किया गया है. यह कोई सूक्ष्म विलेषण नहीं है. इसका और अधिक विलेषण करना चाहिए. मौजूदा तस्वीर यह है कि मोटे तौर पर कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है. सामान्य चर्चा में भी ऐसा नहीं लगता कि बिक्री में इतनी गिरावट आई है. एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तरह का विलेषण करने वाली अलग-अलग एजेंसियां हैं. सामान्य तौर पर यह ध्यान रखना चाहिए कि सभी की रिपोर्ट एक जैसी नहीं होती. अगर पांच अलग-अलग कंपनियां एक ही बाजार का विलेषण कर रही हैं तो भी सभी की राय अलग-अलग होती है. इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए.
-शांतिलाल कटारिया, गवर्निंग काउंसिल मेंबर, क्रेडाई नेशनल
दिवाली के आसपास बाजार में सुधार आएगा
फिलहाल बाजार में करीब 30 फीसदी की मंदी दिख रही है. यह मंदी फरवरी से ही चल रही है. लेकिन, लगता है कि दिवाली के आसपास बाजार में सुधार आएगा. क्योंकि, बैंकों ने होम लोन पर ब्याज दरें कम कर दी हैं. मुझे लगता है कि इसका असर दिवाली तक दिखने लगेगा. कुछ समय पहले जब यूनिफाइड आया था, तो देखा गया था कि बहुत से लोगों ने घर खरीदे थे. तो उसके बाद का दौर कुछ हद तक मंदी वाला हो सकता है. लेकिन, यह ज्यादा दिन नहीं चलेगा. मुख्य रूप से ब्याज दरों में कमी का अच्छा असर अभी दिखने लगेगा और मुझे लगता है कि दिवाली के बाद रियल एस्टेट बाजार में फिर से मजबूती आएगी. अगर ब्याज दरें थोड़ी और कम होती हैं, तो भी बाजार में सुधार आएगा. पुणे में रियल एस्टेट की अच्छी तस्वीर है. नए उद्योग शुरू हो रहे हैं. इसलिए रियल एस्टेट की जरूरत और मांग बढ़ती रहेगी. इसलिए पुणे का बाजार बढ़ता रहेगा.
- डॉ. नरेश मित्तल, निदेशक, मित्तल ग्रुप
नए पर्यावरण प्रस्तावों को स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू
कोविड महामारी के बाद पुणे और महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों में घरों की बिक्री में बहुत तेज वृद्धि देखी गई, हर साल बिक्री में साल-दर-साल 15-45% की वृद्धि हुई. 2024 की तुलना में, 2025 की पहली छमाही में थोड़ी कम बिक्री देखी गई, लेकिन इसका मुख्य कारण नए लांच की कमी थी. पर्यावरण मंजूरी के कारण पीसीएमसी और आस-पास के क्षेत्र में कई परियोजनाएं अटकी हुई थीं. ये परियोजनाएं पुणे जिले में सभी घरों की आपूर्ति का 45% हिस्सा बनाती हैं, जिसके कारण खरीदारों के लिए गुणवत्तापूर्ण विकल्पों की कमी थी. लेकिन इसके बावजूद पुणे पूरे भारत में लगातार अधिकतम बिक्री के साथ रियल एस्टेट बाजार में सबसे आगे बना हुआ है. अब नए पर्यावरण प्रस्तावों को स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अगले 6 महीनों के भीतर नई आपूर्ति शुरू हो जाएगी और नई परियोजनाओं और गुणवत्तापूर्ण विकल्पों के साथ बाजार में फिर से बहुत अच्छा प्रदर्शन होने की उम्मीद है.
- कपिल गांधी, एमडी, सिग्मा वन यूनिवर्सल