‌‘पसायदान' ज्ञानेेशरी ग्रंथ का शिखर

26 Jul 2025 14:51:55

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पुणे, 25 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
आबासाहेब गरवारे कॉलेज के ग्रंथालय विभाग की ओर से लोकमान्य तिलक जयंती, राष्ट्रीय प्रसारण दिन तथा क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जयंती के अवसर पर गरवारे कॉलेज के भूतपूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. ओमप्रकाश शर्मा का ‌‘पसायदान : ज्ञानेेशरी का शांति मंत्र' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस अवसर पर प्रा. डॉ. ओमप्रकाश शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि हे वेिशरूप ईेशर जो आपके ज्ञानेेशरीरूपी मूर्ति की उपासना करेगा, अर्थात भगवद्‌‍ गीता के सिद्धांतों पर अमल करेगा, निष्काम कर्मयोग को अपनाएगा, उसका सारा जीवन सफल होने दें. दृश्य और अदृश्य, स्थूल और सूक्ष्म,ऐहिक और पारलौकिक ऐसे दोनों प्रकार के क्षेत्रों में वे हमेशा यश प्राप्त करें. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता गरवारे कॉलेज के उपप्राचार्य प्रोफेसर डॉ. अनिल खैरनार द्वारा की गई. ग्रंथपाल डॉ. वंदना शेलार ने प्रस्तावना, अतिथि परिचय और दिन विशेष के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर विजय देशमुख, डॉ. सदानंद महाजन, प्रा. नंदकिशोर बोधाई, प्रोफेसर डॉ. अनिल खैरनार और वंदना शेलार मंच पर उपस्थित थे. डॉ. ओमप्रकाश शर्मा ने आगे कहा कि ज्ञानेेशरी का जिस प्रकार आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है, वैसे ही सांस्कृतिक, सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व भी है. पसायदान ज्ञानेेशरी ग्रंथ का शिखर है. उस शिखर पर सर्वात्मक ईेशर की भक्ति, कर्मयोग, स्वधर्म पालन, त्याग और सेवा का संदेश देने वाला झंडा लहरा रहा है. इस कार्यक्रम में ग्रंथालय के कर्मचारी तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.  
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