बुधवार, पेठ, 27 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक सामूहिक आध्यात्मिक जागरण की अवधारणा के साथ श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में 33 करोड़ देवता यज्ञ और हविर्द्रव्य वनौषधि के साथ अतिरुद्र महायज्ञ, सम्पन्न हुआ. विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से वेिश कल्याण और स्वस्थ समाज के लिए प्रार्थना की गई. वेदमूर्ति नटराज शास्त्री सहित 65 ब्रह्मवृंदों ने एक साथ इसमें भाग लिया. इस अतिरुद्र महायज्ञ का आयोजन श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट और सुवर्णयुग तरूण मण्डल द्वारा मंदिर में किया गया था.
समापन के अवसर पर ट्रस्ट अध्यक्ष सुनील रासने, संगीता रासने, कोषाध्यक्ष महेश सूर्यवंशी, ज्योति सूर्यवंशी, मृणालिनी रासने, राजेश सांकला आदि मौजूद थे. लगातार बीस दिनों तक विभिन्न होम भी किये गये. गणपति मंदिर के सभा मंडप में एक भव्य होम कुंड बनाया गया था. अतिरुद्र महायज्ञ का यह 5वां वर्ष था. एक लघुरुद्र का अर्थ है 11 ब्रह्मवृंद 11 बार रुद्र का पाठ करते हैं. ऐसे 11 लघुरुद्र पठन से 1 महारुद्र होता है और ऐसे 11 महारुद्र का अर्थ है 1 अतिरुद्र.इस दौरान गंगा, यमुना, इंद्रायणी, पंचगंगा, मुठा, अष्टविनायक स्थलों की नदियों, ज्योतिर्लिंग स्थलों की नदियों, रामेेशरम के 21 कुंडों के जल का उपयोग किया गया था. साथ ही होम-हवन के दौरान 21 आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग किया गया. सभी नदियों का जल संयुक्त मंत्रों का जाप करते हुए श्रीगणेश को अर्पित किया गया. इस अतिरुद्र यज्ञ और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया.