अंग्रेजी के लिए कार्पेट, ताे हिंदी का विराेध क्यों ?

03 Jul 2025 16:17:16
 

CM 
 
राज्य में पहली कक्षा से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ाने पर चल रही बहस अभी थमी नहीं है. इसमें 5 जुलाई काे उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की ओर से विजय रैली का आयाेजन किया गया है. इस पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर जबर्दस्त निशाना साधते हुए पूछा कि सीएम फडणवीस ने पूछा- आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे किस स्कूल में पढ़े हैं? अंग्रेजी के लिए कार्पेट और हिंदी का विराेध क्यों? सीएम ने उद्धव ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे और मनसे नेता अमित ठाकरे के बाॅम्बे स्काॅटिश स्कूल का जिक्र भी किया.मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या उन्हें अपने बच्चाें काे बाॅम्बे स्काॅटिश स्कूल में पढ़ाना चाहिए और भारतीय भाषाओं का विराेध करना चाहिए? ठाकरे बंधुओं नेभारतीय भाषा ‘हिंदी’ का विराेध किया है.उन्हाेंने अंग्रेजी के लिए ताे कार्पेट बिछा रखी है. राज्य सरकार किसी के दबाव में नहीं झुकेगी.
 
राज्य सरकार ने पहली कक्षा से हिंदी पढ़ाने के जीआर काे अब वापस ले लिया है. इसलिए, हालांकि ठाकरे बंधुओं ने 5 जुलाई काे हाेने वाले मार्च काे रद्द कर दिया है, लेकिन उन्हाेंने उसी दिन विजय रैली निकालने का फैसला किया है. इसलिए, मुख्यमंत्री ने अब इस रैली पर कड़ा हमला बाेला है. क्या उन्हें अपने बच्चाें काे अंग्रेजी स्कूलाें में पढ़ाना चाहिए और दूसराें के बच्चाें के लिए भारतीय भाषा का विराेध करना चाहिए? फडणवीस ने इन शब्दाें में ठाकरे बंधुओं की अच्छे से खबर ली.हिंदी काे अनिवार्य करने के फैसले काे वापस लेने के बाद विपक्ष ने महायुति सरकार के लिए दुविधा पैदा करने की काेशिश की है. लेकिन मुख्यमंत्री ने दृढ़ता से कहा है कि उनकी सरकार किसी के दबाव में नहीं झुकेगी.सरकार ने हिंदी मुद्दे पर एक समिति बनाई है. यह समिति अब सही फैसला लेगी.
 
सरकार केवल किसी पार्टी के हिताें काे नहीं देखेगी, वह केवल महाराष्ट्र के छात्राें के हिताें काे देखेगी. हम किसी के दबाव में नहीं झुकेंगे. अगर ठाकरे भाई क्रिकेट खेलने और तैराकी करने के लिए एक साथ आते हैं ताे हमें काेई दिक्कत नहीं है.फडणवीस ने कहा, क्या मैंने दाे भाइयाें के साथ न आने के लिए काेई जीआर बनाया है? मैंने ऐसा काेई जीआर नहीं बनाया है. उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में जाे रिपाेर्ट आई थी, उसमें उनके दाहिने हाथ माने जाने वाले उपनेता ने लिखा था कि कक्षा 1 से 12 तक ‘हिंदी की सख्ती’ (अनिवार्यता) की जानी चाहिए. उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट मीटिंग में इस रिपाेर्ट काे स्वीकार कर लिया. उसके बाद उन्हाेंने हमेशा की तरह हंगामा किया. उसके बाद भी हमने बिना किसी अहंकार के इस संबंध में फैसला लिया है. मैं एक बार फिर कहता हूं. हमने फैसला लिया है, अब एक कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी अब तय करेगी कि क्या उचित है और ्नया अनुचित? हम किसी पार्टी के हिताें काे नहीं देखेंगे. हम महाराष्ट्र के छात्राें के हिताें काे देखेंगे. महाराष्ट्र सरकार छात्राें के हिताें में फैसला लेगी. हम किसी के दबाव में नहीं झुकेंगे.
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