हिमाचल में बारिश के कहर से अब तक 500 कराेड़ का नुकसान हुआ है. इस बार बाड़ढ-बारिश और भुस्खलन से अब तक 52 लाेगाें की माैत हाे चुकी है. कुदरत के कहर से प्रदेश काे बड़ा झटका लगा है. राज्य में बीती साेमवार रात काे 18 जगह बादल फटने के बाद 34 लाेग लापता हाे गए. बाढ़- लैंडस्लाइड से हजाराें लाेगाें की दिनचर्या प्रभावित हाे गई है. एनडीआरएफ औरएसडीआरएफ की आसे लापता लाेगाें की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. वहीं हिमाचल के पटिकरी पावर प्राेजे्नट तबाह हाे गया.
मंडी जिले में 15, जबकि कुल्लू और किन्नाैर जिले में एक-एक जगह बादल फटा. बादल फटने, बारिश और भूस्खलन से सबसे ज्यादा नुकसान मंडी में हुआ. मकान मिट्टी हाे गए. मंडी में 16 लाेगाें समेत पूरे प्रदेश में 18 की जान चली गई है. दर्जनाें लाेग घायल हाे गए हैं. 332 से अधिक लाेगाें काे जगह-जगह से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गई है.
अकेले मंडी जिले में 24 घर और 12 गाेशालाएं जमींदाेज हाे गई हैं. 30 पशुओं की माैत हाे गई है.कुकलाह के समीप पटीकरीप्राेजेक्ट बह गया है.कई पुल ध्वस्त हाे गए हैं. बादल फटने के बाद क्षेत्र में संचार सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं, जिससे संपर्क करना मुश्किल हाे रहा है. इस बार मानसून सीजन बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन से 20 जून से 1 जुलाई तक 51 लाेगाें की माैत हाे चुकी हैं. 103 घायल हुए हैं और 22 लापता हैं. अब तक 28,339.81 लाख रुपये का नुकसान हाे चुका है.राज्य में लैंडस्लाइड-बाढ़ से 40 से ज्यादा मकान पूरी तरह ढहे चुके हैं. मंडी जिले से बहने वाली ब्यास नदी उफान पर है. राज्य में आज तेज बारिश का रेड अलर्ट है. यूपी के वाराणसी में गंगा का जलस्तर 50 एमएम प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. 50 घंटे में जलस्तर 2.96 मीटर बढ़ा है. पानी मणिकर्णिका घाट तक आ गया है.