चार्टर्ड एकाउंटेंट अब एक साल में सिर्फ 60 व्यक्तिगत ऑडिट कर सकेंगे

09 Jul 2025 15:06:10
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शिवाजीनगर, 8 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को एक वित्तीय वर्ष में व्यक्तिगत रूप से केवल 60 ही ऑडिट करने की अनुमति होगी. भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) ने 1 अप्रैल, 2026 से इस सीमा को लागू करने का फैसला लिया है. ऑडिट 60 की सीमा किसी सदस्य (चार्टर्ड अकाउंटेंट) द्वारा हस्ताक्षरित सभी कर ऑडिट के संबंध में कुल सीमा होगी, चाहे वह व्यक्तिगत रूप से हो या किसी फर्म के भागीदार के रूप में. इसके अलावा, किसी फर्म का भागीदार किसी अन्य भागीदार की ओर से किसी भी कर ऑडिट रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता है. 4 लाख से अधिक चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सदस्यतावाली आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने बताया है कि 60 कर ऑडिट की सीमा पहले से ही लागू है, लेकिन चार्टर्ड अकाउंटेंट को भागीदारों के लिए भी ऑडिट करने की अनुमति है. उदाहरण के लिए, यदि किसी ऑडिट फर्म में 4 भागीदार हैं, तो प्रत्येक भागीदार दूसरे भागीदार के लिए भी ऑडिट कर सकता है. मतलब जहां ऑडिट फर्म 240 ऑडिट कर सकती हैं. वहीं एक भागीदार अब व्यक्तिगत रूप से 60 से अधिक ऑडिट कर सकता है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत भागीदार के लिए कर ऑडिट को 60 तक सीमित करने का फैसला लिया गया है. गौरतलब है कि गलत कामों और चार्टर्ड अकाउंटेंट के हस्ताक्षरों के जाली होने की शिकायतों के बीच, आईसीएआई ने विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (यूडीआईएन) प्रणाली लागू की है. इस बीच, घरेलू चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों के लिए विदेशी नेटवर्किंग दिशा-निर्दे शों के मसौदे पर टिप्पणियां प्रस्तुत करने की समय-सीमा 16 जुलाई तक बढ़ा दी गई है.  
 
पेशे की अखंडता के हित में स्वागत : सीए सुहास पी. बोरा
चार्टर्ड एकाउंटेंट, पुणे के सीए सुहास पी. बोरा ने बताया कि यह निर्णय ऑडिट की गुणवत्ता में सुधार लाने और कदाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण नियामक कदम है. अब, प्रत्येक चार्टर्ड अकाउंटेंट, यहां तक कि एक मल्टी-पार्टनर फर्म के भीतर भी, व्यक्तिगत रूप से 60 ऑडिट तक सीमित होगा, जिससे बेहतर जवाबदेही, फोकस और नैतिक आचरण सुनिश्चित होगा. यह कदम जनता के वेिशास को बहाल करने के आईसीएआई के व्यापक मिशन के अनुरूप है, खासकर ऑडिट हस्ताक्षरों के दुरुपयोग और दपतावेज जालसाजी के बारे में पिछली शिकायतों के मद्देनजर. महत्वपूर्ण रूप से, यूडीआईएन (यूनिक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर) प्रणाली इस प्रयास को पूरक बनाएगी, जिससे पता लगाने की क्षमता बढ़ेगी और हेरफेर की गुंजाइश कम होगी. पेशे की अखंडता के हित में हम इस कदम का स्वागत करते हैं.  
 

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युवा सीए को भी मार्केट में अवसर मिलेगा : सीए कृष्णलाल बंसल
डब्ल्यूआईआरसी पुणे ब्रांच के पूर्व चेयरमैन सीए कृष्णलाल बंसल ने बताया कि अब, सीमित संख्या की अनुमति से यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक ऑडिट को पर्याप्त समय, संसाधन और ध्यान मिल सके. इससे ऑडिट की गुणवत्ता में सुधार होगा. सीए को सतर्क रहकर यह तय करना होगा कि वे कौन से ऑडिट स्वीकार करें. वरिष्ठ या प्रसिद्ध सीए द्वारा भारी संख्या में ऑडिट साइन करने पर नियंत्रण होने से नए एवं युवा सीए को भी मार्केट में अवसर मिलेगा. इससे भारत की ऑडिट प्रणाली पर वेिशास बढ़ेगा. लेकिन, सीए के आय में असर आ सकता है. कुछ कंपनियों को नए ऑडिटर नियुक्त करने की आवश्यकता पड़ेगी, जिससे शुरुआती असुविधा हो सकती है. कुल मिलाकर आईसीएआई का यह कदम गुणवत्ता, पारदर्शिता और पेशेवर उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने वाला है.
 
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 पेशेवर नैतिकता के संदर्भ में सही कदम : सीए उमेश माली
डब्ल्यूआईआरसी सांगली ब्रांच के पूर्व चेयरमैन सीए उमेश माली ने बताया कि इससे टैक्स ऑडिट की गुणवत्ता बढ़ेगी और आईसीएआई के उद्देश्यों को और बढ़ावा मिलेगा. नए चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को ऑडिट असाइनमेंट पाने के अधिक अवसर मिलेंगे. वास्तविकता में, और आधुनिक तकनीक की मदद से, आज के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पहले से कहीं अधिक कुशल हो गए हैं. इसलिए, कुछ लोगों के अनुसार, सीमा में वृद्धि अपेक्षित थी. 2008 में आर्थिक और तकनीकी स्थिति और आज की स्थिति में काफी अंतर है. लेन-देन की बढ़ती जटिलता, टर्नओवर की मात्रा, डिजिटलीकरण, स्वचालन और सिस्टम-संचालित ऑडिट प्रक्रियाओं को देखते हुए, सीमा बढ़ाना अधिक उपयुक्त होता. फिर भी, आईसीएआई द्वारा लिया गया यह निर्णय पेशेवर.
 
 
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 काम की गुणवत्ता में और सुधार आएगा : मक्खन अग्रवाल
अग्रवाल जाखोटिया एंड कंपनी के मक्खन अग्रवाल ने बताया कि दरअसल, 60 ऑडिट करने का नियम तो पहले से ही है. लेकिन, मेरे हिसाब से 60 ऑडिट करना भी मुश्किल है. इस लिहाज से मुझे लगता है कि अब जो 60 ऑडिट का नियम तय किया जा रहा है, उसका फायदा यह है कि एक सदस्य सिर्फ 60 ऑडिट ही कर सकता है. यानी वह फर्म में पार्टनर की तरफ से 60 ऑडिट नहीं कर पाएगा. इससे काम की गुणवत्ता में और सुधार आएगा. मौजूदा 60 ऑडिट की सीमा जो अभी भी है, उसे घटाकर 45 कर दिया जाता, तो भी अच्छा होता, क्योंकि, इसमें कंपनी, सोसायटी, ट्रस्ट ऑडिट शामिल नहीं है. यह नियम सिर्फ टैक्स ऑडिट तक सीमित है. लेकिन, अब जो सीमाएं लगाई गई हैं, उनका स्वागत किया जाना चाहिए.
 
 
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