पुलिस द्वारा डाॅ्नटराें पर दबाव डालने पर बाॅम्बे हाईकाेर्ट नाराज

01 Aug 2025 12:45:57
 

HC 
बंबई उच्च न्यायालय ने गर्भपात कराने की इच्छुक लड़कियाें के नाम और पहचान उजागर करने के लिए डाॅक्टराें काे बाध्य करने पर पुलिस के प्रति नाराजगी जताई, जबकि उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया है कि इस पर जाेर देने की जरूरत नहीं है.न्यायमूर्ति रेवती माेहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गाेखले की पीठ ने 28 जुलाई काे कहा कि पुलिस का ऐसी लड़कियाें के नाम और पहचान उजागर करने पर जाेर देना नाबालिग पीड़िताें और डाॅक्टराें के उत्पीड़न के अलावा कुछ नहीं है. नियमाें के अनुसार, जब 18 साल से कम आयु की काेई लड़की गर्भपात के लिए डाॅक्टर के पास जाती है, ताे डाॅक्टर काे पुलिस काे सूचित करना हाेता है. मुंबई के एक महिला राेग विशेषज्ञ ने याचिका दायर कर यह निर्देश देने का अनुराेध किया था कि उसे पुलिस काे गर्भपात कराने की इच्छुक एक नाबालिग का नाम और पहचान बताने के लिए मजबूर न किया जाए.याचिका के मुताबिक, लड़की ने अपने एक परिचित लड़के के साथ सहमति से याैन संबंध बनाए थे और अब वह 13 सप्ताह की गर्भवती है. लड़की और उसके माता-पिता उसका गर्भपात कराना चाहते हैं, लेकिन उसके भविष्य काे देखते हुए उसकी पहचान उजागर करने काे तैयार नहीं हैं.
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