बिहार में वाेटर लिस्ट काे लेकर भारी विराेध के चलते चुनाव आयाेग ने सुप्रीम काेर्ट में ‘एफिडेविट’ में जानकारी दी है कि बिना सूचना दिए किसी का भी नाम नहीं काटा जायेगा. अगर किसी मतदाता का नाम हटाया जाता है ताे उसे इसका ‘कारण’ बताया जायेगा.30 सितंबर काे अंतिम सूची (फाइनल लिस्ट) जारी की जायेगी.काेर्ट में अगली सुनवाई अब कल हाेगी.बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान कालेकर हाे रहे विराेध के बीच चुनाव आयाेग ने सुप्रीम काेर्ट में हलफनामा दायर किया है. इसमें मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से बाहर करने के आराेपाें काे खारिज करते हुए चुनाव आयाेग ने कहा कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा.
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान काे लेकर सुप्रीम काेर्ट में दायर याचिका में चुनाव आयाेग पर आराेप लगाया गया था. क एसआईआर के दाैरान राज्य की मतदाता सूची से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं. इसे लेकर सुप्रीम काेर्ट ने चुनाव आयाेग से जवाब मांगा था. आयाेग ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा कि एक अगस्त काे प्रकाशित मसाैदा मतदाता सूची से किसी भी मतदाता का नाम हटाने की प्रक्रिया नियमाें के तहत की जाएगी. साथ ही मतदाता काे नाम हटाने के प्रस्ताव और उसके कारण के बारे में सबसे पहले बताया जाएगा. हर मतदाता काे सुनवाई का उचित माैका, प्रासंगिक दस्तावेज देने का अवसर और तर्क संगत आदेश दिया जाएगा. एसआईआर आदेश के अनुसार एक अगस्त से एक सितंबर के बीच काेई भी मतदाता या राजनीतिक दल, मसाैदा मतदाता सूची में सुधार के लिए शिकायत और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं.
इससे पहले 29 जुलाई काे सुप्रीम काेर्ट ने कहा था कि अगर इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में नाम हटाए गए ताे वह तुरंत हस्तक्षेप करेगा. काेर्ट ने यह भी कहा कि आधार कार्ड और वाेटर आईडी काे गंभीरता से मान्य दस्तावेज माना जाए और इनसे नाम हटाने की बजाय जाेड़ने की प्रक्रिया पर जाेर दिया जाए. वहीं सुप्रीम काेर्ट ने 6 अगस्त काे चुनाव आयाेग (ईसी) काे निर्देश दिया था कि वह बिहार के ड्राफ्ट वाेटर लिस्ट से हटाए गए करीब 65 लाख मतदाताओं की पूरी जानकारी 9 अगस्त तक पेश करे. काेर्ट ने यह भी कहा कि यह जानकारी उन राजनीतिक दलाें के साथ-साथ एसाेसिएशन फाॅर डेमाेक्रेटिक रिफाॅर्म्स (एडीआर) नाम की एनजीओ काे भी दी जाए, जिसने इस मुद्दे पर याचिका दाखिल की है.