हिमाचल में बादल फटने - भू स्खलन से 2000 कराेड़ का नुकसान हुआ है. अबतक 220 की माैते हाे चुकी है, 315 से ज्यादा लाेंग घायल हाे चुके है, 2500 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हुए है. कुल्लू हाइवे सहीत 400 से अधिक राेड बंद है इसलिए लाेगाें काे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में नदियाें-नालाें में उफान पर है.हिमाचल में बादल फटने (्नलाउड बस्ट) और भू-स्खलन (लैंडस्लाइड) से करीब दाे हजार कराेड़ का नुकसान हुआ है.अबतक करीब 220 लाेगाें की माैत हाे चुकी है और 315 से ज्यादा घायल हुए है. ढाई हजार से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हाे गये हैं. कूल्लू हाइवे सहित 400 से अधिक सड़के बंद हैं.लाेगाें काे दिक्कताें का सामना करना पड़ रहा है. नदियां और नाले उफान पर है.
हिमाचल मानसून के विनाशकारी प्रभाव से जूझ रहा है.शुक्रवार काे कुल्लू में बादल फटने की घटना सामने आई है.हालांकि, इसमें किसी के हताहत हाेने की सूचना नहीं है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार,अब तक कुल 208 लाेगाें की माैत हाे चुकी है, जिनमें से 112 वर्षाजनित घटनाओं में और 96 सड़क हादसाें में हुई हैं.राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा जारी संचयी क्षति रिपाेर्ट के अनुसार, 20 जून से 8 अगस्त के बीच मानसून से हुईं आपदाओं और यातायात दुर्घटनाओं के कारण राज्य में कुल 220 लाेगाें की जान जा चुकी है. इनमें बादल फटने से 17, डूबने से 20, बिजली का झटका लगने से 11, अचानक आई बाढ़ से 9, भूस्खलन से 6 और सांप के काटने, आग लगने और ढलान वाले इलाकाें से गिरने से हुई अन्य माैतें शामिल हैं.इसके साथ ही, सभी जिलाें में सड़क दुर्घटनाओं में 96 लाेग मारे गए.