ऑस्टियाे आर्थराइटिस जाेड़ाें काे क्षति पहुंचाने वाला राेग है जिसमें कार्टिलेज और इसके आसपास माैजूद बहुत से ऊत्तक क्षतिग्रस्त हाे जाते हैं. घुटने के जाेड़ क्षतिग्रस्त हाेने से दर्द हाेता है और चलने-िफरने में काी परेशानी हाेने लगती है. यह राेग आमताैर पर धीरे-धीरे बढ़ता है लेकिन अंतत: जाेड़ाें काे नकारा बना सकता है और आगे चलकर मरीज दर्द व अपंगता के साथ अपना जीवन जीने काे मजबूर हाे जाता है.
ऑस्टियाे आर्थराइटिस से सबसे अधिक काैन प्रभावित? आमताैर पर उम्रदराज लाेगाें काे ऑस्टियाे आर्थराइटिस की समस्या हाेती है. लेकिन अब युवावस्था में भी लाेग इस परेशानी का शिकार हाेने लगे हैं. यदि किसी दुर्घटना में कार्टिलेज (हड्डियाें काे जाेडने वाले मजबूत ऊत्तक) क्षतिग्रस्त हाे जाएं ताे भी ऑस्टियाे आर्थराइटिस की समस्या हाे सकती है.
ऑस्टियाे आर्थराइटिस से ऐसे मिलेगी मुक्ति जब दवाएं और गैर-सर्जिकल उपाय नाकाम हाे जाएं तब नी रिप्लेसमेंट यानी घुटना प्रत्याराेपण का ही विकल्प बचता है. आजकल कई मरीज नी रिप्लेसमेंट का विकल्प अपना रहे हैं. बीते 20 सालाें के मुकाबले यह प्रक्रिया अब कहीं ज्यादा आसान और सुरक्षित हाे गई है.
नी रिप्लेसमेंट के बारे में यह है गलतफहमी लाेग समझते हैं कि घुटना प्रत्याराेपण करवाने पर काी दर्द हाेता है और कई दिनाें तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है. जबकि रिप्लेसमेंट या घुटना प्रत्याराेपण के बाद जाेड़ाें के दर्द में कमी आती है और लाेग सक्रिय जीवन जीने के लिए एक बार िफर से सक्षम हाे जाते हैं.