बावधन, 13 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
मेधावी छात्रों का सम्मान न केवल उनकी उपलब्धियों की सराहना करता है, बल्कि उनके भविष्य को दिशा भी देता है. इससे छात्रों में आत्मवेिशास, जिम्मेदारी और समाज सेवा की भावना विकसित होती है. सूर्यदत्त संस्थान विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए लगातार प्रयासरत है, ऐसे विचार सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने रखे. वे फार्मोत्सव-2025 समारोह में बोल रहे थे. यह कार्यक्रम सूर्यदत्त कॉलेज ऑफ फार्मेसी, हेल्थकेयर एंड रिसर्च और नेशनल फार्मेसी वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र स्टेट फार्मे सी काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष व फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य विजय पाटिल, पुणे क्षेत्रीय तकनीकी शिक्षा विभाग के सहसंचालक डॉ. डी. वी. जाधव, सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन की उपाध्यक्ष सुषमा चोरडिया, एनपीडब्ल्यूए के सहसचिव प्रो. प्रवीण जावले सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे.
इस अवसर पर प्रो. पॉपट जाधव को डॉ. एच. एम. कदम स्मृति पुरस्कार 2025, डॉ. राजेंद्र पाटिल व प्रो. सचिन इटकर को छझथ आइडल अवार्ड 2025, जबकि चंद्रकांत वरघड़े को ‘वृक्षमित्र पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया. सूर्यदत्त के बावधन कैंपस स्थित बंसीरत्न सभागार में हुए इस कार्यक्रम में 250 से अधिक गणमान्य उपस्थित थे. कार्यक्रम में भारती विद्यापीठ इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के स्व. डॉ. एच. एम. कदम और जेएसपीएम इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी (ताथवड़े) के स्व. प्रो. प्रशांत हम्बर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. सुषमा चोरडिया ने कहा, यह आयोजन सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की शैक्षणिक परंपरा के अनुरूप रहा. फार्मे सी क्षेत्र में नवनिर्माण और समर्पण के साथ काम करने वाले प्रोफेशनल्स तैयार करना हमारा ध्येय है. प्रो. प्रवीण जावले ने स्वागत भाषण दिया. सांस्कृतिक विभाग प्रमुख डॉ. सारिका झांबड व अल्लाना कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्रो. तसलीम कुरैशी ने मंच संचालन किया. डी. फार्मेसी विभाग की प्रमुख स्नेहल जाधव ने अपनी टीम के साथ मिलकर कार्यक्रम का सफल संयोजन किया.
जिम्मेदारी की भावना जगाने वाला मंच डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा कि यह समारोह न केवल छात्रों का सम्मान है, बल्कि उनमें गर्व, प्रेरणा और जिम्मेदारी की भावना जगाने वाला एक अविस्मरणीय मंच भी है. सूर्यदत्त में हमेशा ऐसे आयोजन होते हैं, जो पाठ्यक्रम के साथ-साथ छात्रों के व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं.