प्रज्ञानबाेधिनी शिक्षा संस्थान के मुकुंदास लाेहिया जूनियर काॅलेज के उद्घाटन समाराेह में बाेलते हुए आध्यात्मिक गुरु पूज्य श्रीगाेविंददेव गिरि महाराज ने कहा कि विदेश से आए कुछ लाेगाें ने शिक्षा और चिकित्सा सेवा के माध्यम से वर्षाें तक पूरे भारत पर शासन किया और हमारी संस्कृति काे नष्ट किया.स्वतंत्रता के बाद भी हमें कई वर्षाें तक गलत इतिहास पढ़ाया गया और सच्ची भारतीय संस्कृति व इतिहास से वंचित रखा गया. लेकिन अब भारत जागृत हाे रहा है, और हमें बच्चाें काे सच्चा इतिहास सिखाना हाेगा, जिससे राष्ट्र का निर्माण हाेगा और धर्म की रक्षा हाेगी.उन्हाेंने कहा कि भारत काे वास्तविक स्वतंत्रता दिलाने वाले महान पुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज हैं, और इस कार्य में मावल के मावलाें का महत्वपूर्ण याेगदान है.
महाराज ने स्वतंत्रता प्राप्त कर सभी में जागृति उत्पन्न की. मावळ के लाेगाें काे उन्हें कभी नहीं भूलना चाहिए्.स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भगत सिंह, मदनलाल धींगरा, सावरकर और अन्य क्रांतिकारियाें काे याद करना चाहिए, क्याेंकि अनेक लाेगाें के बलिदान से हमें आजादी मिली है, और उसकी रक्षा की जिम्मेदारी हम सबकी है. कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में महाराष्ट्र गाेसेवा आयाेग के अध्यक्ष शेखर मूंदडा उपस्थित थे.प्रज्ञानबाेधिनी संस्थान के संस्थापक व कार्यवाह श्री यादवेंद्र जाेशी ने संस्था के 20 वर्षाें के कार्याें की जानकारी देते हुए आगामी याेजनाओं का विवरण प्रस्तुत किया.
इस अवसर पर संस्था के मुख्य दानदाताओं पुरुषाेत्तम लाेहिया, पास्काे इंडिया लिमिटेड (तलेगांव), धाेपावकर ट्रस्ट (तलेगांव), अल्काइन अमाइन लिमिटेड (हड़पसर), नितिन कारिया (फुगेवाड़ी), जयंतीलाल शहा (लंदन) का सम्मान प्रमुख अतिथि शेखर मूंदड़ा के हाथाें किया गया.कार्यक्रम में प्रज्ञानबाेधिनी संस्था के अध्यक्ष मदनलाल कांकरिया, सहकार्यवाह यशवंत लिमये और अन्य विश्वस्त, मुकुंद भवन ट्रस्ट की ओर से गाेकुल लाहाेटी, श्रीकांत साेनी, शरद सारडा सहित शिक्षा व सामाजिक क्षेत्र के अनेक मान्यवर उपस्थित थे.कार्यक्रम का समापन पसायदान से हुआ.संचालन अमाेल सालवे और साै. अनघा जाेशी ने किया.