बायाेमेट्रिक वाेटर कार्ड से सभी विवादाें का हल हाेगा

18 Aug 2025 15:01:35
 
 
 
thoughts
 
पश्चिम अफ्रीकी देश गांबिया, मैं घूमने नहीं बच्चियाें का जबरन खतना किये जाने पर रिपाेर्टिंग के लिए गया था.गांबिया मेनलैंड अफ्रीका का सबसे छाेटा देश है. इसकी उत्तरी पूर्वी, और दक्षिणी सीमा सेनेगल से मिलती है. लगभग 28 लाख की आबादी वाले इस देश काे एक-तिहाई जनसंख्या अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा 1.25 डाॅलर प्रतिदिन से नीचे रहती है.दिलाे-दिमाग में बैठा हुआ था, कि यह अफ्रीकी देश काफी पिछड़ा हुआ हाेगा. लेकिन यह भ्रम वहां की पत्रकार फाताे कमारा से मिलने के बाद टूट गया. उन्हीं से जानकारी मिली कि गांबिया दुनिया का पहला देश है. जहां मतदाताओं के लिए बायाेमेट्रिक कार्ड 2009 में इश्यू किया गया था.
सितंबर 2010 में भारत ने आधार कार्ड जारी किया था.
 
जिसे वाेटर कार्ड से भी पहचान के वास्ते जाेड़ा जाने लगा.लेकिन यह अनिवार्य नहीं है. चुनाव आयाेग ने नागरिकाें के लिए अपने आधार नंबर काे अपने मतदाता पहचान-पत्र (जिसे चुनावी फाेटाे पहचान-पत्र या इंपीआईसी भी कहा जाता है) से जाेड़ना स्वैच्छिक बना दिया है. मतदाताओं काे अपने कार्ड लिंक करते समय आधार प्रमाणीकरण के लिए अपनी सहमति फाॅर्म 6-बी में देना आवश्यक है. एक बार सहमति दे देने के बाद उसे वापस लेने का काेई प्रावधान नहीं है. लेकिन, सुप्रीम काेर्ट ने यह स्पष्ट किया है, कि आधारकार्ड हाेना नागरिकता का प्रमाणीकरण नहीं है. पूरा देश जिस तरह नागरिकता काे लेकर बहस में उलझा है, वह भारत में वाेटर पहचानपत्र की वैधता पर सवाल खड़ा करता है. ्नया भारत में जारी वाेटर आई कार्ड दाेषपूर्ण है? और यदि है, ताे उसे कैसे दुरुस्त किया जा सकता है?
 
कई देश नागरिकता, या उससे संबंधित पहचान के उद्देश्याें के लिए बायाेमेट्रिक कार्ड का उपयाेग करते हैं. अल्बानिया, ब्राजील नीदरलैंड और सऊदी अरब ऐसे मुल्क हैं, जिनके राष्ट्रीय बायाेमेट्रिक पहचान पत्र यात्रा दस्तावेजाें के लिए अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के मानक का पूरी तरह से अनुपालन करते हैं. इसके अतिर्नित नाॅर्वे,आइसलैंड और लिश्टेन्टाइन जैसे देश, यूराेपीय संघ के मानकाें का पालन करने वाले बायाेमेट्रिक पहचान-पत्र जारी करते हैं. कुछ देश अपनी व्यापक राष्ट्रीय पहचान प्रणालियाें में बायाेमेट्र्निस का उपयाेग करते हैं. जिन्हें नागरिकता या उनकी रिहाइश से जाेड़ा जा सकता है. यूराेपीय संघ के सदस्य देश बायाेमेट्रिक पहचान-पत्र जारी करने के लिए बाध्य हैं और इन्हें आमताैर पर ईयू और यूराेपीय मु्नत व्यापार संघ (ईएफटीए) के भीतर वैध यात्रा दस्तावेजाें के रूप में स्वीकार किया जाता है.
 
यूराेपीय, आर्थिक क्षेत्र (ईईए) के सदस्य देशाें, जिनमें नाॅर्वे, आइसलैंड और ऑस्ट्रिया व स्विट्जरलैंड के बीच छाेटा सा देश लिश्टेन्टाइन शामिल है. उन्हें भी यूराेपीय संघ के नियमाें के अनुरूप बायाेमेट्रिक पहचान-पत्र जारी करना आवश्यक है.कई देशाें ने अनिवार्य राष्ट्रीय पहचान प्रणालियां लागू की हैं, जिनमें अ्नसर विभिन्न पहचान उद्देश्याें के लिए बायाेमेट्रिक डेटा जैसे उंगलियाें के निशान या चेहरे की पहचान शामिल हाेता है. इनमें अर्जेटीना, बेल्जियम, काेलंबिया, जर्मनी, इटली, पेरू और स्पेन जैसे देश शामिल हैं. अल्बानिया, ब्राजील, नीदरलैंड, सऊदी अरब के राष्ट्रीय बायाेमेट्रिक पहचान-पत्र यात्रा दस्तावेज माने जाते हैं. पश्चिमी अफ्रीकी देश गांबिया ने बायाेमेट्रिक पहचान-पत्र, ‘गैम्बीस’ लागू किया है, जाे यात्रा के साथ निवास परमिट भी है. तंजानिया भी, गांबिया की तरह चुनावाें के लिए बायाेमेट्रिक मतदाता पंजीकरण काे फुलप्रूफ मानना है.
 
पाेलैंड अपनी राष्ट्रीय पहचान प्रणाली में फिंगरप्रिंट बायाेमेट्र्निस का उपयाेग करता है. भारत केवल आधार प्रमाणीकरण के लिए बायाेमेट्र्निस का अपयाेग करता है, जाे बैंकाें, काेर्ट और विभिन्न उपक्रमाें में केवाईसी या रजिस्ट्रेशन के काम आते हैं. राष्ट्रमंडल पर्यवेक्षक समूह ने सिफारिश की है कि राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईडी) जैसी फाेटाे पहचान प्रक्रिया का उपयाेग मतदाता सूची की सटीकता में उल्लेखनीय सुधार कर सकता है और चुनाव में आम विश्वास बढ़ा सकता है.पिछले एक दशक में, बायाेमेट्रिक मतदाता पंजीकरण (बीवीआर) जैसी तकनीक जटिल चुनावी चुनाैतियाें और जालसाजी का सामना करने के लिए रामबाण साबित हुई है. बीवीआर मतदाता की विशिष्ट शारीरिक विशेषताओं का विश्लेषण करता है. ताकि उनकी पहचान और मतदान के लिए उनकी पात्रता की पुष्टि की जा सके.
 
यह तकनीक किसी व्य्नित काे पहचान की चाेरी,एक से अधिक मतदान, धाेखाधड़ी और हेरफेर के अन्य तरीकाें काे टार्गेट करती है.इसमें सबसे महत्वपूर्ण है आंखाें काे बायाेमेट्रिक.आंखाें की रेटिना में हेराफेरी अब तक किसी तकनीक के जरिये संभव नहीं हुआ है.बायाेमेट्रिक तकनीक में व्यवहार संबंधी विशेषताओं का भी विश्लेषण, व्य्नित की आवाज, की-स्ट्राेक या हस्तलेखन शामिल हैं. अ्नसर स्कैन किए गए हस्ताक्षर मतदाता की बायाेमेट्रिक प्राेफाइल का हिस्सा हाेते हैं. सभी बायाेमेट्रिक डेटा काे पहले एक कैमरे या सेंसर द्वारा एक छवि के रूप में कैप्चर किया जाता है. फिर छवि काे एक बायाेमेट्रिक टैम्पलेट के जरिये डेटाबेस में संग्रहीत किया जाता है. इसे प्रिंट या इले्नट्राॅनिक रूप से मतदाता पहचान- पत्र में जाेड़ा जा सकता है.
Powered By Sangraha 9.0