एक्सिओम-4 का वह उड़ान हाे सकता था विनाशकारी

22 Aug 2025 14:56:11
 
एक्सिओम
 
नई दिल्ली, 21 अगस्त (वार्ता) एक्सिओम स्पेस के एएक्स-4 मिशन की लाॅन्चिंग से पहले ऐन वक्त पर यदि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसराे) के वैज्ञानिकाें ने हस्तक्षेप नहीं किया हाेता ताे यह विनाशकारी हाे सकता था और मिशन में शामिल सभी चार अंतरिक्ष यात्रियाें की जान जा सकती थी.
 
इसराे के अध्यक्ष वी. नारायणन ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और गगनयान मिशन के संभावित क्रू सदस्य प्रशांत नायर के साथ यहां एक प्रेस वार्ता के दाैरान यह जानकारी दी. उन्हाेंने बताया कि एक्सिओम-4 मिशन अमेरिका के केनेडी स्पेस सेंटर से पहले 11 जून काे लाॅन्च किया जाना था. इससे ठीक पहले फाल्कन 9 राॅकेट के पहले चरण में ईंधन की टंकी से तरल ऑक्सीजन के रिसाव का पता चला था. एक्सिओम के वैज्ञानिकाें काे भराेसा था कि यह छाेटा रिसाव है और वे रिसाव के साथ ही लाॅन्चिंग की याेजना बना रहे थे.
 
डाॅ. नारायणन ने बताया कि इसराे के वैज्ञानिकाें ने उनसे पूछा कि यह रिसाव कहां से हाे रहा है और इसकी दर क्या है, लेकिन एक्सिओम के वैज्ञानिकाें ने गाेपनीयता का हवाला देकर जानकारी देने से मना कर दिया. इसराे प्रमुख ने कहा, 40 साल के अनुभव से हमें पता था कि यदि सिर्फ बुलबुले निकल रहे हैं ताे काेई दिक्कत नहीं है, लेकिन एक हल्की सी भी धार निकलना खतरनाक है.
उन्हाेंने कहा कि बार-बार जाेर देकर पूछने पर एक्सिओम के वैज्ञानिक जांच करने पर राजी हुए. उन्हाेंने रिसाव के लाेकेशन काे खाेजकर देखा ताे पाया कि ईंधन की टंकी में दरार थी और रिसाव की दर लगातार बढ़ती जा रही थी. इसके बाद उन्हाेंने 10 जून की लाॅन्चिंग टालने का फैसला किया.
 
डाॅ. नारायणन ने कहा कि यदि उस स्थिति में लाॅन्चिंग की जाती ताे यह वाकई विनाशकारी हाेता. उड़ान भरते ही राॅकेट के परखच्चे उड़ जाते और अंतरिक्ष यात्रियाें की जान चली जाती.
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