नई दिल्ली, 21 अगस्त (वि.प्र./वार्ता) संसद के मानसून सत्र का गुरुवार काे आखिरी दिन भी दाेनाें सदनाें में भारी हंगामा किया गया. 21 जुलाई से शुरू लाेकसभाराज्यसभा की कार्रवाई अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. एक महीने तक चले सत्र में हंगामे के बीच दाेनाें सदनाें में केवल 26 विधेयक ही पास हुए.
वाेट चाेरी के मुद्दे काे लेकर विपक्ष द्वारा सरकार की भारी किरकिरी हुई. पीएम माेदी तथा अमित शाह की चुप्पी से राहुल गांधी के आराेप की पुष्टि भी हुई. नाराज विपक्ष ने सत्र के आखिरी दिन शिष्टाचार बैठक ठुकरा दी. राहुल गांधी सहित विपक्ष के नेता स्पीकर से नहीं मिले. माेदी ने हंगामे के लिए विपक्ष काे जिम्मेदार बताया. इसके अलावा दमनद्वीप के विधायक ने कहा-कामकाज न हाेने देने के लिए सत्तापक्ष तथा विपक्ष के सांसदाें की सैलरी से वसूली की जानी चाहिए.
दाेनाें सदनाें में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा काे छाेड़कर इस सत्र में बहुत कम कामकाज हुआ है. एक महीने लंबे सत्र के दाैरान लाेकसभा ने 12 और राज्यसभा ने 14 विधेयक पास किए, लेकिन बार- बार व्यवधान, स्थगन और बायकाॅट जारी रहा. आखिरी दिन की कार्यवाही के दाैरान लाेकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि सदन में 120 घंटे चर्चा का समय निर्धारित किया गया था सिर्फ 37 घंटे ही चर्चा हाे सकी. इसके साथ लाेकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. उधर, राज्यसभा में अमित शाह ने 3 बिल जेपीसी में भेजे जाने के लिए रखे. अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन गेमिंग बिल चर्चा के लिए रखा.