आंतरिक खाेज की अद्भुत प्रयाेगशाला है तिब्बत

23 Aug 2025 12:43:46

आंतरिक खाेज
 
 
अगर मानवता थाेड़ी सचेत हाेती ताे तिब्बत काे आजाद कर दिया जाना चाहिए, क्याेंकि यह एकमात्र देश है जिसने लगभग दाे हजार वर्ष किसी अन्य कार्य में नहीं, बल्कि केवल ध्यान की गहराई में जाने काे ही समर्पित किये हैं. और यह सम्पूर्ण विश्व काे कुछ ऐसा सिखा सकता है जिसकी महान आवश्यकता है. साम्यवादी चीन उस सब कुछ काे नष्ट कर देने का प्रयास कर रहा है जिसे दाे हजार वर्षाें में निर्मित किया गया है. उनकी सारी युक्तियां, ध्यान की उनकी सारी विधियां- उनके समस्त आध्यात्मिक वातावरण काे प्रदूषित किया जा रहा है, विषाक्त किया जा रहा है. लेकिन वे सीधे-सादे लाेग हैं; वे अपना बचाव नहीं कर सकते. उनके पास अपनी सुरक्षा के काेई साधन ही नहीं है- टैंक नहीं, बम नहीं, विमान नहीं, सेना नहीं. एक निर्दाेष जाति, जाे दाे हजार वर्ष तक बिना किसी युद्ध के जीते हैैं- वे संसार की छत पर रह रहे हैं. सर्वाेच्च पहाड़, शाश्वत र्बफ उनका घर है. उन्हें अकेला छाेड़ दाे! चीन का कुछ जायेगा नहीं, लेकिन पूरा संसार उनके अनुभव से लाभान्वित हाेगा. और संसार काे उनके अनुभव की जरूरत पड़ेगी. संसार धन, शक्ति , प्रतिष्ठा और जाे भी वैज्ञानिक तकनीकी ने पैदा किया है उस सबसे ऊब रहा है. विकसित देशाें में लाेग सेक्स में उत्सुक नहीं रह गये हैं, ड्रग्स में उत्सुक नहीं रह गये हैं. वस्तुएं छूटती जा रही हैं और विकसित देशाें पर काले बादल के समान एक अजीब निराशा उतर रही है- गहन कुंठा, अर्थहीनता और विषाद की. उन्हें ध्यान के एक भिन्न वातावरण की जरूरत पड़ेगी कि ये बादल छंट सकें और एक नया दिन लाया जा सके उनके जीवन में, एक नयी सुबह और स्वयं का एक नया अनुभव, उनकी माैलिक अंतरात्मा का रहस्याेद्घाटन. मनुष्य की आंतरिक खाेज की प्रयाेगशाला के रूप में तिब्बत काे छाेड़ दिया जाना चाहिए. लेकिन संसार के एक देश ने भी तिब्बत पर इस घृणित आक्रमण के विरूद्ध आवाज नहीं उठायी है. और चीन ने न केवल इस पर आक्रमण किया, बल्कि अब चीन के नये नक्शे में तिब्बत उनका भू-भाग है. और हम साेचते हैं कि यह दुनिया सभ्य है, जहां निर्दाेष लाेग, जाे किसी की हानि नहीं कर रहे हैं, सहज ही नष्ट किये जाते हैं. और उनके साथ ही सम्पूर्ण मनुष्यता का कुछ अत्यंत महत्तपूर्ण भी नष्ट हाे जाता है. यदि मनुष्य में कुछ भी सभ्य हाेता ताे हर राष्ट्र चीन द्वारा तिब्बत पर किये गये आक्रमण के विरुद्ध खड़ा हाे जाता. यह चेतना पर पदार्थ का आक्रमण है. 
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