पुणे, 23 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
छत्तीसगढ़ में पिछले 21 महीनों में 1500 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 1600 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में अब तेजी से सकारात्मक और विकासात्मक बदलाव हो रहा है. जल्द ही यह क्षेत्र माओवाद मुक्त होगा, ऐसा विश्वास छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने व्यक्त किया. केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक माओवाद-नक्सलवाद समाप्त करने का संकल्प लिया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस गंभीर समस्या का दूरदृष्टि, रणनीति और समन्वय के साथ सामना कर नक्सलवाद खत्म करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. इसी संदर्भ में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी की ओर से ‘छत्तीसगढ़ में नक्सली चुनौती पर मात: नीति, दृष्टि और क्रियान्वयन' विषय पर शर्मा का व्याख्यान पुणे के एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय में शुक्रवार को आयोजित किया गया. शर्मा ने इस दौरान फोटो और वीडियो क्लिप्स के आधार पर प्रस्तुति दी. इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने की. प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, प्रबोधिनी प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. सुधीर मेहता और एस.एन.डी. टी. महिला विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. उज्ज्वला चक्रदेव उपस्थित थीं. शर्मा ने कहा कि सलवा जुडूम आंदोलन, जिसे नक्सलवाद के खिलाफ स्थानीय लोगों ने शुरू किया था, उस पर कुछ शहरी माओवादियों ने आपत्ति जताकर अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत के आदेश से जब इस आंदोलन पर रोक लगी, तब बस्तर में हिंसा चरम पर पहुंच गई. नक्सलियों ने स्थानीय आदिवासियों की हत्या कर बड़े पैमाने पर विनाश किया. बस्तर जिले के कई स्थानों पर 15 अगस्त और 26 जनवरी को ध्वजारोहण तक नहीं होता था. चुनावों में मतदान भी रोक दिया जाता था. लेकिन अब स्थिति सकारात्मक हो गई है. राज्य सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए हैं. उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर भी उपलब्ध कराए गए हैं. इस अवसर पर चंद्रकांत पाटिल का भाषण हुआ. डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने प्रस्तावना रखी और डॉ. सुधीर मेहता ने आभार प्रकट किया.