सुनवाई के बाद भी फैसला सुनाने मेें देरी हाेने पर सुप्रीम काेर्ट ने चिंताजनक बताया है. फैसला रिजर्व रखकर निर्णय में देरी काे लेकर सभी हाईकाेर्ट काे सुप्रीम काेर्ट ने फटकार लगाई है. सुप्रीम काेर्ट जजाें ने कहा-जब सुनवाई पूरी हाे चुकी ताे जजमेंट में देरी का काेई मतलब नहीं रह जाता है. काेर्ट ने कहा 2021 में सुनवाई पूरी हाेने के बाद भी आज तक फैसला न सुनाना आश्चर्यजनक है. काेर्ट ने कहा-प्रत्येक हाईकाेर्ट के रजिस्ट्रार फैसला सुरक्षित रखने की रिपाेर्ट तैयार कर मुख्य जज काे दें. अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा-यदि 3 महीने के अंदर फैसला नहीं सुनाया ताे मामला दूसरी बेंच काे साैंपा दिया जाएगा.न्यायमूर्ति संजय कराेल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ 2008 से लंबित एक आपराधिक मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेशाें काे चुनाैती देने वाली रवींद्र प्रताशाही द्वारा दायर अपीलाें पर सुनवाई कर रही थी.
इस अपील पर 24 दिसंबर, 2021 काे सुनवाई पूरी हाे चुकी थी और आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया गया था, लेकिन काेई फैसला नहीं सुनाया गया, जिससे मामले काे दूसरी पीठ के समक्ष रखा गया.शीर्ष अदालत ने कहा कि शीघ्र निपटारे के लिए बार-बारअनुराेध करने के बावजूद उच्च न्यायालय ने काेई फैसला नहीं सुनाया. पीठ ने कल कहा, यह बेहद चाैंकाने वाला और आश्चर्यजनक है कि अपील की सुनवाई की तारीख से लगभग एक साल तक फैसला नहीं सुनाया गया.न्यायालय ने कहा कि उसे बार-बार ऐसी ही स्थितियाें का सामना करना पड़ा है जहां सुनवाई पूरी हाेने के बाद भी महीनाें, और कुछ मामलाें में ताे वर्षाें तक, फैसले नहीं सुनाए जाते.