व्यापारी सम्मेलन में स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने का निर्णय

04 Aug 2025 14:12:39
 
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नई दिल्ली, 3 अगस्त (वि.प्र./वार्ता)

स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने 10 अगस्त से राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की जाएंगी. नई दिल्ली में राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में 26 राज्यों के व्यापारियों द्वारा निर्णय किया गया. कैट राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा- पीएम मोदी की अपील को व्यापारियों का भारी समर्थन मिला. देशभर में फैले 48,000 छोटे-बड़े व्यापारी संगठन आंदोलन में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों से भारतीय सामान खरीदो और बेचो की अपील को बड़ा समर्थन देते हुए कधफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को घोषणा की है कि बाबत 10 अगस्त से एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा. इसका उद्देश्य स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देना है. यह निर्णय रविवार को नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में लिया गया, जिसमें देश के 26 राज्यों से आए 150 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेताओं ने भाग लिया. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा दिल्ली चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया की सभी व्यापारी नेताओं ने एक स्वर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को भारत की अस्मिता का प्रतीक बताते हुए इस अभियान का नाम भारतीय सामान हमारा स्वाभिमान रखने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यह अपील आत्मनिर्भर भारत की भावना को सशक्त करती है. विदेशी कंपनियों की एकाधिकारवादी नीतियों से बचकर यदि हम अपने देश के उत्पादों को बढ़ावा दें, तो न केवल हमारा व्यापार मजबूत होगा बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था और रोजगार भी सशक्त होंगे. खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री की अपील का समर्थन करने के कारणों के बारे में कहा कि विदेशी कंपनियों की अनुचित व्यापार नीतियों से छोटे व्यापारी प्रभावित हो रहे हैं जिससे भारत के स्थानीय व्यापार को बड़ा नुकसान हो रहा है.उन्होंने कहा कि भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता आज वेिशस्तरीय है, और कीमत भी उचित है. भारतीय उत्पादों की खरीद से स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों और व्यापारियों को समर्थन मिलेगा. विदेशी वस्तुओं की अंधाधुंध खपत से भारत का व्यापार घाटा बढ़ता है, जिसको रोकना जरूरी है. इससे भारतीय संस्कृति, कुटीर उद्योग और हस्तशिल्प के संरक्षण में भी योगदान मिलेगा. कैट ने सभी व्यापारियों से आह्वान किया है कि वे अपने प्रतिष्ठानों पर केवल भारतीय सामान उपलब्ध है जैसे पोस्टर लगाएं और ग्राहकों को स्वदेशी वस्तुएं अपनाने के लिए प्रेरित करें. यह अभियान भारत के आर्थिक स्वाभिमान की नींव को और मजबूत करेगा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा.
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