पिंपरी, 3 अगस्त (आ.प्र.)
साउथ कोरिया में ICCK और PCET के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन से भारत के शिक्षा और उद्योग क्षेत्रों को लाभ होगा. पिंपरी चिंचवड़ एजुकेशन ट्रस्ट (PCET) के अध्यक्ष ज्ञानेश्वर लांडगे ने कहा कि इस समझौते के कारण सांस्कृतिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों में अनुसंधान और व्यावसायिक विकास के कई नए अवसर उपलब्ध होंगे. कोरिया में भारतीय वाणिज्य मंडल (ICCK) और पिंपरी चिंचवड़ एजुकेशन ट्रस्ट (PCET) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
इस अवसर पर ज्ञानेश्वर लांडगे बोल रहे थे. पीसीईटी ट्रस्ट कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आईसीसीके के चेयरमैन और टीसीएस दक्षिण कोरिया प्रमुख रमेश अय्यर, क्रॉसकाउंटी इन्फोटेक की वैदेही कुलकर्णी, पीसीटी उपाध्यक्ष पद्मा भोसले, सचिव विठ्ठल कालभोर, कोषाध्यक्ष शांताराम गराड़े, ट्रस्टी हर्षवर्धन पाटिल, उद्यमी नरेंद्र लांडगे, अजिंक्य कालभोर, कार्यकारी निदेशक डॉ. गिरीश देसाई, पीसीसीओई निदेशक डॉ. गोविंद कुलकर्णी, शोध एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध सलाहकार डॉ. दिनेश अमलनेरकर, पीसीसीओई अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग की डीन डॉ. रोशनी राउत, छात्र विकास एवं कल्याण विभाग प्रमुख डॉ. पद्माकर देशमुख और अकादमिक डीन डॉ. के. राजेश्वरी उपस्थित थे.
इस अवसर पर पीसीईटी अध्यक्ष ज्ञानेश्वर लांडगे ने कहा कि यह समझौता भारत और दक्षिण कोरिया दोनों देशों के बीच शिक्षा, वाणिज्य, उद्योग, व्यापार, रोजगार, अनुसंधान के विकास के लिए उपयोगी होगा और अन्य विश्वविद्यालयों के लिए मार्गदर्शक होगा. इससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान और छात्र विनिमय कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा. यह उद्यमियों के लिए संयुक्त अनुसंधान करके अपनी औद्योगिक परियोजनाओं को विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय करने हेतु एक प्रभावी मंच तैयार करेगा, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा.