विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लाेगाें काे खाने में मीठे की मात्रा कुल कैलाेरी के 10 ीसदी से अधिक नहीं रखनी चाहिए व बढ़ती उम्र के साथ इसे पांच प्रतिशत तक कर देना चाहिए. वर्तमान में मिठास के ताैर पर हम पहले की तुलना में कई गुना ज्यादा चीनी यानी शर्करा खा रहे हैं. अधिक चीनी से हाेने वाले नुकसान काे जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर श्नकर है क्या? चीनी कार्बाेहाइड्रेट है, जाे मुख्य दाे तरह की हाेती है. पहली प्राकृतिक जिसे माेनाेसै्नकेराइड भी कहते हैं. इसमें ग्लूकाेज, ्रक्टाेज, गैलेक्टाेज हाेता है.
दूसरी डाईसै्नकेराइड है जिसे रिाइंड शुगर भी कहते हैं.यह कंपाउंड शुगर भी कहलाती है. इसमें लैक्टाेज, माल्टाेज और सुक्राेज जैसे तत्व हाेते हैं. ये अलग-अलग चीजाें से प्राप्त किए जाते हैं.
· ्रक्टाेज काे ्रूट शुगर कहते हैं, जाे फल, जमीन में उगने वाली सब्जियाेंं, गन्ने और शहद में मिलता है.गैलेक्टाेज की अकेले के रूप में पहचान नहीं है लेकिन यह लैक्टाेज के साथ मिलकर काम करता है.
· ग्लूकाेज पाैधाें व फलाें में हाेता है जाे ऊर्जा में बदल जाता है.
· लैक्टाेज काे मिल्क शुगर भी कहते हैं जाे दूध या दूध से बनी चीजाें में पाया जाता है.