राष्ट्रीय विप्र महासंघ का वार्षिक अधिवेशन संपन्न

05 Aug 2025 13:57:21
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केशवनगर, 4 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

राष्ट्रीय विप्र महासंघ (आरवीएम), पुणे का वार्षिक अधिवेशन (सम्मेलन) रविवार को सांस्कृतिक नगरी पुणे (केशव नगर, मांजरी) में आयोजित किया गया. इस आयोजन में ‌‘ब्राह्मण हिताय, ब्राह्मण सुखाय' विषय पर संपन्न विचार गोष्ठी में व्यापक चर्चा हुई. कैप्टन राम विजय पांडेय ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए अपने विचार व्यक्त किए. यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सम्मेलन में कैप्टन पांडेय ने अपनी टीम के सदस्यों मनीषा तिवारी, राजेश मिश्रा, सूबेदार एस.एम. तिवारी, डॉ. आदित्य त्यागी, अमित तिवारी, शिवकांत तिवारी और सभी उपस्थित स्वधर्मीय परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया और निरंतर ब्राह्मण समाज के हित में सक्रिय रहने की अपील की और खुद के भी सक्रिय रहने का आश्वासन दिया. इस मौके पर सेना में अवकाशप्राप्त अधिकारी भी उपस्थित थे, जिनमें कर्नल एस.पी. शुक्ला और कर्नल अजय त्रिपाठी सहित गोदावरी स्कूल के संस्थापक एस.एस. तिवारी मुख्य रूप से सम्मिलित थे. ‌‘भगवान महादेव की जय' तथा ‌‘हर हर महादेव' के जयकारे के साथ अधिवेशन संपन्न हुआ. संस्था की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि राष्ट्रीय विप्र महासंघ एक रजिस्टर्ड संस्था है. इसमें सभी ब्राह्मण समाज (कान्यकुज्ज, सरयुपारी, सनाध्य, तमिल, तेलुगु, अर्जिया) के लोग समान हैं. महासंघ का संदेश है कि न कोई उच्च और न कोई निम्न ब्राह्मण है और देश के सभी ब्राह्मणों को यही बात ध्यान में रखनी होगी. यह एक अराजनीतिक संगठन है, जो पिछले 4 वर्षों से संचालित है तथा 14 जनवरी 2024 से अधिकृत रूप से अस्तित्व में है. वर्तमान में भारत के 342 जिलों में संस्था की गतिविधियां संचालित हैं. इसके सदस्यों की संख्या वर्तमान में 28 हजार है. संस्था का मिशन समस्त ब्राह्मणों को एक मंच पर लाना है और इसी वजह से प्रबुद्ध ब्राह्मण संस्था से जुड़ रहे हैं और इसी वजह से संस्था का निरंतर विकास व विस्तार हो रहा है. इसमें विधि प्रकोष्ठ, वैवाहिक प्रकोष्ठ, ज्योतिष प्रकोष्ठ, रोजगार प्रकोष्ठ सहित चिकित्सा प्रकोष्ठ भी है, जो समाज के हित के लिए सक्रिय रहेगा.
 
देशभर के ब्राह्मणों को एक मंच पर लाने का लक्ष्य

विज्ञप्ति में बताया गया कि इसका राष्ट्रीय कार्यालय प्रयागराज में है और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ए.के. चौबे हैं. इस संगठन में किसी भी राजनीतिक पार्टी की निंदा या स्तुति को स्थान नहीं है, क्योंकि इसके पदाधिकारी किसी भी राजनीतिक दल के सदस्य नहीं हैं. देशभर के ब्राह्मणों को एक मंच पर लाना ही संस्था का लक्ष्य है.  
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